भगवान कार्तिकेय को समर्पित स्कंद षष्ठी के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

हिन्दू धर्म में स्कंद षष्ठी का पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से लोगों को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती और जीवन में आने वाले संकटों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा दुश्मनों पर भी जीत हासिल होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 3 फरवरी दिन सोमवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगी और अगले दिन 4 फरवरी दिन मंगलवार को सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, माघ माह में स्कंद षष्ठी का व्रत 3 फरवरी को रखा जाएगा. स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त हर महीने बदलता रहता है. यह तिथि पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है. पूजा का सबसे शुभ समय सूर्योदय के बाद का माना जाता है.

स्कंद षष्ठी पूजा विधि
    स्कंद षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
    फिर पूजा स्थल को साफ करें और फूलों से सजाएं.
    भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें.
    भगवान कार्तिकेय को गंगाजल से स्नान कराएं.
    चंदन, रोली, सिंदूर आदि से उनका श्रृंगार करें.
    उन्हें पुष्प माला पहनाएं और धूप-दीप दिखाएं.
    तांबे के लोटे में जल भरकर भगवान कार्तिकेय को अर्घ्य दें.
    “ॐ कार्तिकेय नमः” मंत्र का जाप करें.
    भगवान कार्तिकेय को फल, मिठाई, दूध आदि का भोग लगाएं.

स्कंद षष्ठी व्रत के नियम
    स्कंद षष्ठी के व्रत में मांसाहार से परहेज करें.
    व्रत के दौरान प्याज और लहसुन का सेवन न करें.
    स्कंद षष्ठी व्रत के दिन किसी की निंदा या चर्चा न करें.
    किसी भी व्यक्ति से गुस्सा न करें और न ही झूठ बोलें.
    हो सके तो नकारात्मक विचारों से पूरी तरह दूर रहें.

स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व
स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने का भी विधान है. व्रत रखने वाले लोग दिन भर उपवास रहते हैं और शाम को पारण करते हैं. भगवान कार्तिकेय को युद्ध का देवता माना जाता है. उनकी पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. भगवान कार्तिकेय बुद्धि और विवेक के देवता भी हैं. उनकी पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है. भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. पूजा करते समय मन को एकाग्र रखें और किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना से दूर रहें. स्कंद षष्ठी का पर्व भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करने का एक अवसर है. इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन में सफलता और सुख-शांति मिलती है.

India Edge News Desk

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