कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन दो-दो इंजन लगाकर क्यों दौड़ाई जा रही? जानिए इसकी खास वजह

 चंदौली
महाकुंभ में लगातार श्रद्धालुओं का रेला उमड़ रहा है. प्रयागराज आने वाली हर ट्रेन खचाखच भरी दिखाई दे रही है. एसी हो या जनरल कोच सब फुल हैं. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते कई बार तो रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की भी जगह नहीं बचती. हालांकि, रेलवे पूरी शिद्दत से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में जुटा हुआ है. इसके लिए भारतीय रेलवे ने 13 हजार से ज्यादा कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन चला रखी हैं. इनमें बहुत सी ट्रेनें ऐसी हैं जिनमें दो-दो इंजन लगाए गए हैं. मतलब ट्रेन के आगे और पीछे इंजन लगा हुआ है. आइए जानते हैं इसकी खास वजह…

दरअसल, कई कुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों में आगे की तरफ भी इंजन लगा है और पीछे की तरफ भी इंजन लगा है. एक ट्रेन में दो-दो इंजन लगाने के पीछे वजह यह है कि ट्रेन जब भी अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचे तो वहां से वापसी के लिए उस ट्रेन का इंजन बदलना ना पड़े. दूसरी साइड लगे इंजन से ट्रेन को अगली यात्रा के लिए रवाना कर दिया जाए. इससे टाइम बचेगा और ट्रेन जल्द से जल्द यात्रियों को लेकर निकल सकेगी.

महाकुंभ के चलते क्या एसी और क्या जनरल सारे कोच फुल हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि स्टेशनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है। इसी के चलते इंडियन रेलवे ने 13 हजार से ज्यादा कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन चला रखी हैं। इन मेला स्पेशल ट्रेनों में आगे के और पीछे भी इंजन लगा होता है।

दरअसल, कुंभ मेला ट्रेन में दो-दो इंजन लगाने के पीछे का कारण यह है कि जब ट्रेन अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचे तो वहां से वापस लौटते समय उस ट्रेन का इंजन ना बदलना पड़े। और अगली यात्रा के लिए दूसरी साइड लगे इंजन से ट्रेन को रवाना कर दिया जाए। इससे समय के साथ साथ प्लेटफार्म भी ज्यादा देर तक के लिए भरा नहीं रहेगा।

गौरतलब है कि किसी भी ट्रेन के इंजन को एक तरफ से दूसरी तरफ शिफ्ट करने में काफी वक्त लगता है. इसके साथ ही इस दौरान रेल लाइन भी प्रभावित होती है. रेलवे की कोशिश है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए. इसी वजह से ट्रेनों के दोनों छोर पर इंजन लगाए गए हैं. ताकि, बिना समय गंवाए इन ट्रेनों को रवाना किया जा सके.

इसको लेकर यूपी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर एक लोको पायलट से बातचीत की गई. लोको पायलट ने बताया कि अधिकांश ट्रेनों को डबल इंजन के जरिए चलाया जा रहा है ताकि जैसे ही ट्रेन गंतव्य पर पहुंचे, उसे शंटिंग के चक्कर में इंतजार ना करना पड़े. फौरन दूसरे इंजन के जरिए उसे रवाना कर दिया जाए. इससे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगेगी, ट्रेन लेट नहीं होगी, जल्दी चक्कर लगाने में भी आसानी होगी.

 

India Edge News Desk

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