क्रिप्टोकरेंसी के चलते उत्तर कोरिया के हैकरों ने दुबई की कंपनी को लगाया डेढ़ अरब डॉलर का चूना

रोम
उत्तर कोरिया से जुड़े हैकरों ने दुबई की एक कंपनी को बड़ा भारी चूना लगाया है। अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने उत्तर कोरिया से जुड़े हैकरों पर दुबई स्थित एक कंपनी से लगभग डेढ़ अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की इथेरियम (एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी) चुराने का आरोप लगाया है। एफबीआई ने इसे वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) की सार्वजनिक रूप से ज्ञात सबसे बड़ी चोरी में से एक बताया है।

एजेंसी के मुताबिक, ‘ट्रेडर ट्रेटर’ और ‘लजारस ग्रुप’ समूह के हैकरों ने फरवरी की शुरुआत में बाईबिट को निशाना बनाया, जो दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में शामिल है। बाईबिट ने कहा कि हैकरों ने तथाकथित “कोल्ड” या ऑफलाइन वॉलेट के जरिये इथेरियम के नियमित हस्तांतरण में “हेरफेर” की और उसे विभिन्न ब्लॉकचेन पर मौजूद हजारों अज्ञात खातों में स्थानांतरित कर दिया। एफबीआई ने कहा कि हैकर “क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करने वाले एप्लिकेशन के जरिये क्रिप्टोकरेंसी की चोरी को अंजाम देते हैं, जिनमें ऐसे मालवेयर (वायरस) शामिल किए जाते हैं, जो आभासी मुद्रा की चोरी को आसान बनाते हैं।

ठगी के लिए बनाया ब्लैकचेन
एजेंसी ने बुधवार रात एक ऑनलाइन सार्वजनिक घोषणा में कहा कि उसका मानना है कि इस चोरी के पीछे उत्तर कोरिया समर्थित हैकरों का हाथ है। घोषणा के मुताबिक, “ट्रेडर ट्रेटर के हैकर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और उन्होंने कई ब्लॉकचेन पर मौजूद हजारों अज्ञात खातों के जरिये चोरी के कुछ इथेरियम को बिटकॉइन और अन्य आभासी मुद्राओं में बदल दिया है।” ‘ब्लॉकचेन’ एक साझा डिजिटल बहीखाते को कहते हैं, जो किसी मंच पर आभासी मुद्रा के लेन-देन पर नजर रखता है और उसे रिकॉर्ड करता है। एफबीआई ने कहा, “माना जा रहा है कि इन आभासी मुद्राओं को आगे भी अन्य मुद्राओं में बदला जाएगा और अंत में वैध मुद्रा का रूप दे दिया जाएगा।” उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने फिलहाल न तो चोरी की खबर और न ही एफबीआई के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी का दावा है कि उत्तर कोरिया ने पिछले पांच वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य आभासी संपत्तियों के रूप में अनुमानित 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर की चोरी की है।

यूएन भी कर रहा उत्तर कोरियाई हैकरों की जांच
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक समिति ने बताया था कि वह 2017 से 2023 के बीच कथित तौर पर उत्तर कोरिया की ओर से किए गए 58 साइबर हमलों की जांच कर रही है, जिनके जरिये “देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए” लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर की चोरी की गई। बाईबिट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बेन झाऊ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में घटना की पुष्टि की। उन्होंने पोस्ट के साथ उस वेबसाइट का लिंक साझा किया, जिसने चोरी की आभासी मुद्रा का पता लगाने और उसे अन्य एक्सजेंच द्वारा ‘फ्रीज’ कराने के बदले 14 करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम की पेशकश की है।

India Edge News Desk

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