मध्यप्रदेश कौशल विकास के माध्यम से व्यापार अनुकूल वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध- मंत्री टेटवाल

भोपाल
मध्यप्रदेश कौशल विकास को आर्थिक विकास का एक प्रमुख आधार बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। प्रदेश के युवा वर्ग को उद्योग जगत की मांग के अनुसार एडवांस ट्रेड में प्रशिक्षण देने के लिए कई नवा चार किए जा रहे हैं। जीआईएस-भोपाल में कौशल विकास और रोजगार विभाग ने कौशल प्रशिक्षण के लिए 8 एमओयू किए हैं। प्रदेश में निवेश बढ़ाने के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देकर नीतियां बनाई जा रही हैं। यह बात कौशल विकास और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने 5वें एपीएसी राष्ट्रीय कौशल कॉन्क्लेव में कही।

मंत्री टेटवाल ने प्रदेश सरकार की ओर से व्यापार अनुकूल माहौल विकसित करने की प्रतिबद्धता दोहराई और निजी क्षेत्र के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को सही कौशल से सशक्त बनाना उनकी रोजगार और उद्यमिता सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्री टेटवाल ने उद्योग-उन्मुख कौशल, तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिससे राज्य के युवा वैश्विक अर्थव्यवस्था की बदलती जरूरतों को पूरा कर सकें। प्रदेश सरकार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और उनकी कौशल क्षमता को उन्नत करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रही है।

संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क के सीईओ गिरीश शर्मा ने राज्य में ह्यूमन कैपिटल (मानव संसाधन) पर किए जा रहे निवेश पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों और स्थानीय संस्थानों में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के माध्यम से उद्योग-केंद्रित कार्य बल तैयार किया जा रहा है, जो राज्य के औद्योगिक विकास में सहायक सिद्ध होगा।

कॉन्क्लेव में एचपीसीएल, टाटा पॉवर, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और जेबीएम ग्रुप जैसी अग्रणी कंपनियों के उद्योग विशेषज्ञों और एचआर प्रमुखों ने भाग लिया। उन्होंने नए युग की कार्यशैली के अनुरूप कौशल विकास की रणनीतियों और जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों के संदर्भ में प्रतिभा बनाए रखने की चुनौतियों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम को उद्योग की मांगों के अनुरूप बनाना होगा, जिससे स्नातकों को प्रशिक्षित कर भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।

विभिन्न सेक्टर स्किल काउंसिल्स और विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों ने सेक्टर-विशिष्ट कौशल अंतर को दूर करने और छात्रों को वैश्विक रोजगार बाजार के लिए तैयार करने पर चर्चा की। कुलपतियों ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए कि छात्रों को उद्योग-उन्मुख शिक्षा प्रदान कर उन्हें वैश्विक मानकों के अनुसार तैयार किया जाए।

एपीएसी राष्ट्रीय कौशल कॉन्क्लेव ने सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच संवाद के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। कॉन्क्लेव में उद्योग, शिक्षा और सरकारी क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधियों और विषय विशेषज्ञों ने वैश्विक रोजगार बाजार की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार कौशल विकास के महत्व पर चर्चा की। कॉन्क्लेव के माध्यम से कौशल विकास के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। मध्यप्रदेश एक कुशल कार्य बल केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है, सरकार की यह प्रतिबद्धता राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

 

India Edge News Desk

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