कलेक्टर ने 3 साल की बच्ची को आरोपी का उकसाने वाला बताया, विवादित बयान के बाद कलेक्टर को पद से हटाया

चेन्नै
 तमिलनाडु में मायिलादुथुराई के कलेक्टर एपी महाभारती ने तीन साल की बच्ची से जुड़े POCSO केस पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि हो सकता है बच्ची ने खुद आरोपी लड़के को उकसाया हो। इस बयान के कुछ ही घंटों बाद, शुक्रवार शाम को उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। उनकी जगह इरोड नगर निगम के कमिश्नर एच एस श्रीकांत को नया कलेक्टर नियुक्त किया गया।

यह मामला एक 16 साल के लड़के का है। उस पर स्कूल जाने वाली एक 3 साल की छोटी बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है। पुलिस ने बताया कि लड़के ने बच्ची के साथ गलत हरकत करने की कोशिश की। जब बच्ची भागने लगी तो लड़के ने ईंट से उस पर हमला कर दिया। इससे बच्ची के सिर और चेहरे पर चोटें आईं। लड़के को मंगलवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

पॉक्सो ऐक्ट की मीटिंग में कही बात

इस मामले में कलेक्टर महाभारती का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे POCSO एक्ट पर एक मीटिंग में बोल रहे हैं। वीडियो में वे कहते सुनाई दे रहे हैं कि किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले दोनों पक्षों की बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार उस बच्ची ने सुबह लड़के के चेहरे पर थूका था। हो सकता है इसी वजह से लड़के ने ऐसा किया हो। दोनों पक्षों को देखना ज़रूरी है।'

विवाद के बाद आईएएस ने दी सफाई

विवाद के बाद एपी महाभारती ने सफाई दी। उन्होंने कहा, 'मेरे कमेंट्स को गलत तरीके से लिया गया।' उन्होंने कहा, 'मेरा इरादा गलत नहीं था। मैंने अच्छे इरादे से यह बात कही थी।'

भड़के अन्नामलाई

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने इस मामले में कलेक्टर की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'मायिलादुथुराई के जिला कलेक्टर ने दावा किया है कि साढ़े तीन साल की पीड़िता भी इस भयानक यौन उत्पीड़न मामले में कुछ हद तक दोषी है। BJP तमिलनाडु की तरफ से हम उनकी इस शर्मनाक टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं।'

अन्नामलाई ने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री और मंत्री लगातार पीड़ितों को दोष देते रहे हैं और उनकी निजी जानकारी सार्वजनिक करते रहे हैं। यही वजह है कि जिला कलेक्टर ने ऐसा बयान दिया है।'

डीएमके सांसद ने भी सुनाई

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की सांसद कनिमोझी ने भी इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'ऐसे लोग खुद को पढ़ा-लिखा या इंसान कैसे कह सकते हैं? और हमसे ऐसी बातें सहन करने की उम्मीद क्यों की जाती है?' यह घटना एक गंभीर सवाल खड़ा करती है कि बच्चों के यौन उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मामलों में अधिकारियों को किस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। कलेक्टर का बयान बेहद गैर-जिम्मेदाराना है और इससे पीड़िता और उसके परिवार को और भी तकलीफ पहुंची है। इस मामले में सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे बयान न दिए जाएं। बच्चों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और हमें इसके लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button