राधामोहन दास बोले – कांग्रेस के राज में पेंटर, दर्जी और पंचर बनाने तक सिमटा मुस्लिमों का जीवन

जयपुर

भारतीय जनता पार्टी के वक्फ सुधार जनजागरण अभियान की प्रदेश कार्यशाला को संबोधित करते हुए अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं भाजपा के राजस्थान प्रदेश प्रभारी डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 65 वर्षों तक मुस्लिम समुदाय को सिर्फ वोट बैंक समझा और उनकी सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में मुस्लिम समाज सिर्फ मोची, पेंटर, दर्जी, बैंड-बाजा बजाने वाला और पंचर बनाने वाला बनकर रह गया। वहीं भाजपा के मात्र 11 वर्षों के शासन में केंद्रीय नौकरियों में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी 5 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत हो गई है। कांग्रेस मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है, जबकि भाजपा उन्हें गर्व और स्वाभिमान के साथ 'भारतीय' के रूप में खड़ा करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का बताया था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे नकारते हुए गरीबों को प्राथमिकता दी और योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी को दिया। परिणामस्वरूप सरकार की विभिन्न योजनाओं में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। जिसका परिणाम है कि 15 प्रतिशत आबादी वाला मुस्लिम समाज आज पीएम आवास योजना में 31 प्रतिशत, उज्ज्वला योजना में 37 प्रतिशत, मुद्रा में 36 प्रतिशत, जन-धन योजना में 42 प्रतिशत, पीएम किसान सम्मान निधि योजना में 33 प्रतिशत और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन गारंटी योजना में 70 प्रतिशत लाभान्वित हुआ है।

डॉ. अग्रवाल ने वक्फ संपत्तियों को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुरान कहती है कि लेन-देन लिखित में हो और गवाह हों लेकिन वक्फ संपत्तियों में ऐसा कुछ नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग वक्फ संपत्तियों को हड़पने में लगे हैं और इनकी कमाई को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 2006 में सच्चर समिति की रिपोर्ट के अनुसार देश में 6 लाख एकड़ की 4.5 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनसे सालाना 12 हजार करोड़ रुपये की आय होनी चाहिए थी, परंतु केवल 163 करोड़ रुपये की ही आय दिखाई गई। यह रकम मजहबी और कांग्रेसी नेताओं द्वारा लूटी जा रही थी। 2025 तक वक्फ संपत्तियों की जमीन बढ़कर 37 लाख 94 हजार एकड़ हो गई है, लेकिन कमाई बढ़कर सिर्फ 166 करोड़ रुपये ही हुई है, जबकि इनसे प्रतिवर्ष 1 लाख करोड़ रुपये की आय होनी चाहिए थी।

कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वहां की 54 हजार वक्फ संपत्तियों में से 29 हजार संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, सीके जाफर शरीफ, सीएम इब्राहिम और रहमान खान ने इन संपत्तियों पर कब्जा जमाया।

उन्होंने जयपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव फजलु रहमान ने हिदायत ट्रस्ट की संपत्तियों को बेचकर अफजल विहार नाम से कॉलोनियां बसा दीं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जो लोग वक्फ कानून में सुधार का विरोध कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जो इस संपत्ति से अवैध लाभ कमा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता हर मुस्लिम नागरिक से संपर्क कर और उन्हें समझाएंगे कि यदि वक्फ संपत्तियों से सालाना 1 लाख करोड़ रुपये की आय होने लगे, तो इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में मुस्लिम समाज के लिए नए अवसर खुलेंगे।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button