अब तक का सबसे बड़ा अभियान: 72 घंटे चले अभियान में हिड़मा की बटालियन के तीन माओवादी मारे गए

जगदलपुर
बीजापुर जिले के तेलंगाना सीमा से सटे कर्रेगुट्टा क्षेत्र में हिड़मा समेत शीर्ष माओवादी नेताओं की उपस्थिति की सूचना पर सुरक्षा बल की ओर से अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा गया है। अभियान के केंद्र में कुख्यात माओवादी हिड़मा है, जिसे मार गिराने छत्तीसगढ़, तेलंगाना व महाराष्ट्र की फोर्स के दस हजार से अधिक जवान बीते सोमवार से अभियान पर है। अभियान के 72 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार गुरुवार की सुबह साढ़े नौ बजे कर्रेगुट्टा की पहाड़ी के पास हुए मुठभेड़ में तीन महिला माओवादियों के शव व हथियार मिले हैं। मारे गए माओवादी हिड़मा की बटालियन के सदस्य हैं, जिनकी पहचान की जा रही है।

शीर्ष माओवादियों की उपस्थित पर छेड़ा अभियान
    पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने इस अभियान को माओवादियों के विरुद्ध एक निर्णायक लड़ाई बताते हुए कहा कि बीजापुर जिले की सीमा पर तेलंगाना के मुलुगु जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर बीते कुछ सप्ताह से बड़ी संख्या में माओवादियों की उपस्थिति मिल रही थी।
    इंटलीजेंस के अनुसार मोस्ट वांटेड शीर्ष माओवादी नंबल्ला केशव राव उर्फ बसव राजू, तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य दामोदर, चंद्रन्ना समेत हिड़मा, देवा व माओवादियों की बटालियन की उपस्थिति थी। इसके बाद तीन राज्यों की ओर से एक संयुक्त अभियान सोमवार को छेड़ा गया।

वायुसेना-थलसेना व एनटीआरओ की जमीन से आसमान तक घेराबंदी
    शीर्ष माओवादियों की उपस्थिति पर छेड़े गए अभियान में एनटीआरओ (राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन) के सेटेलाइट से लाइव सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों की टीम अभियान को आगे बढ़ा रही है।
    उपग्रह के साथ ही 20 से अधिक यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) ड्राेन की सहायता से माओवादियों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए अभियान किया जा रहा है।
    तेलंगाना के चेरला में वायुसेना का लांच पैड बनाया गया है, जहां से सेना के दो एमआइ-17 हेलीकाप्टर से भी माओवादियों पर आसमानी हमला किया जा रहा है।

सप्ताह पहले बनी रणनीति फिर शाह के इशारे पर अभियान
    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर सोमवार को माओवादियों के विरुद्ध यह अभियान छेड़ा गया। सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री से मिलकर शीर्ष नक्सलियों की उपस्थिति की पक्की सूचना दी।
    इसके कुछ घंटों बाद ही तीन राज्यों की ओर से संयुक्त अभियान छेड़ दिया गया। यद्यपि इसके कई दिनों पहले से ही इसकी तैयारी थी।
    पिछले दिनों माओवादियों ने पत्र जारी कर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर भारी संख्या में इंप्राेवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी) लगाने की बात कहते हुए ग्रामीणों को वहां आने से मना किया था।
    इससे सुरक्षा बल को यह अंदेशा हो गया कि यहां भारी संख्या में माओवादी हो सकते हैं। एनटीआरओ ने सैटेलाइट और ड्रोन से क्षेत्र पर नजर रखनी शुरु की तो इसकी पुष्टि हो गई।
    इसके तुरंत बाद 14 अप्रैल को उपमुख्मंयत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा सुकमा जिले के आकस्मिक प्रवास पर पहुंचे, जहां सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ हिड़मा को घेरने की रणनीति तैयार की गई।

माओवादियों के कई बंकर ढहाए, 100 से अधिक विस्फोटक मिले
अभियान में शामिल एक जवान ने बताया कि बीजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी तेलंगाना व छत्तीसगढ़ की सीमा तय करती है। लगभग 15 किमी में विस्तृत इस पहाड़ी के आस-पास और भी कई पहाड़ है। यहां माओवादियों को घेरने त्रिस्तरीय घेराबंदी की गई है। आउटर व इनर कार्डन के साथ एक किलिंग टीम है, जो कि सीधे माओवादियों के ठिकाने की ओर बढ़ रही है। रास्ते में माओवादियों के कई बंकर भी फोर्स को मिले हैं, जिन्हें ढहाया गया है। पिछले दो दिन में फोर्स को 100 से अधिक आइईडी बरामद करने में भी सफलता मिली है।

India Edge News Desk

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