उत्तर प्रदेश में अब सियार और लोमड़ी के हमले में जान गंवाने वालों को मिलेगा 4 लाख का मुआवजा, जानिए डिटेल

लखनऊ
 उत्तर प्रदेश सरकार ने लोमड़ी और सियार के हमले से होने वाली मृत्यु को राज्य आपदा घोषित कर दिया है। इसके बाद पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। हालांकि मधुमक्खियों के हमले और इमारत गिरने से होने वाली जनहानि को अभी इस श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। यह निर्णय मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति की संस्तुति के बाद लिया गया है। अब राज्य आपदा की श्रेणी में कुल 11 वन्यजीव शामिल हो गए हैं। पोस्टमार्टम में हमले से मृत्यु की पुष्टि होने पर ही मुआवजा दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने लोमड़ी और सियार के हमले से होने वाली मृत्यु को राज्य आपदा घोषित कर दिया है। अब इनके काटने से होने वाली मृत्यु पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मधुमक्खियों व इमारत गिरने से होने वाली जनहानि को फिलहाल राज्य आपदा की श्रेणी में नहीं रखा गया है। शासन ने सुझाव दिया है कि पहले वन विभाग से यह जान लिया जाए कि मधुमक्खियां वन्य जीव में आती हैं या नहीं। अगर वन्य जीव में आती हैं को उनके हमलों को भी राज्य आपदा घोषित किए जाने पर विचार किया जाएगा।

राज्‍य आपदा में कुल 11 वन्‍यजीवों के हमले शामिल

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति ने पिछले माह लोमड़ी, सियार और मधुमक्खी के हमले से होने वाली मौत को राज्य आपदा में शामिल करने की संस्तुति की थी। शासन ने लोमड़ी और सियार के हमले को राज्य आपदा के रूप में अधिसूचित कर दिया है। इसके साथ ही अब राज्य आपदा की इस श्रेणी में कुल 11 वन्यजीव शामिल कर लिए गए हैं।

मधुमक्खी हमले का प्रस्ताव

सरकार ने मधुमक्खी के हमले से होने वाली मौतों को भी राज्य आपदा में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जो वर्तमान में विचाराधीन है. यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो मधुमक्खी हमले से मरने वाले परिवारों को भी मुआवजा का लाभ मिल सकेगा. यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते वन्यजीव और कीटों के हमलों से निपटने की दिशा में उठाया गया है.

उद्देश्य और प्रभाव

इस फैसले का उद्देश्य वन्यजीवों के हमले से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ मानव जीवन की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने अधिकारियों को मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाने के निर्देश दिए हैं.

इन जानवरों के हमले में मरने पर मिलता है मुआवजा

अभी तक यूपी में मगरमच्छ, हाथी, गैंडा, बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा और जंगली सुअर के हमले से जान जाने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है। इन सभी जानवरों को मानव-वन्यजीव संघर्ष की श्रेणी-1 में रखा गया है। वहीं, श्रेणी-2 में लोमड़ी और सियार को रखा गया है।

India Edge News Desk

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