मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को जुलाई में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा, भाजपा का फोकस आदिवासी और महिला वर्ग पर

भोपाल
 मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी कड़ी में आज एक जुलाई को केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल आएंगे। वे शाम 4 बजे भोपाल आएंगे। 2 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर बैठक होगी। बैठक में अध्यक्ष पद के लिए नाम रखा जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो आम सहमति से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। चुनाव प्रक्रिया के तहत चुनावी कार्यक्रम जारी । कार्यक्रम के साथ वोटर लिस्ट भी जारी हो सकती है। चुनाव के पहले कल शाम को पार्टी की अहम बैठक होगी। बैठक में वरिष्ठ नेता अध्यक्ष चयन प्रक्रिया को लेकर आपस में चर्चा करेंगे।

पार्टी ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है। वैसे तो अब तक नए अध्यक्ष की दौड़ में हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे अधिक चर्चा में है, लेकिन भाजपा आदिवासी और महिला वर्ग के बीच भी प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा टटोल रही है।

वर्तमान में विष्णुदत्त शर्मा सामान्य वर्ग से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और साढ़े पांच वर्ष का लंबा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। डॉ. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री और अनुसूचित जाति वर्ग व ब्राह्मण वर्ग से दो उप मुख्यमंत्री हैं। यही वजह है कि भाजपा अब प्रदेश अध्यक्ष की कमान आदिवासी या महिला के हाथों में सौंप सकती है।

दावेदारों में कड़ा मुकाबला

एमपी में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके के नाम सबसे आगे चल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, हेमंत खंडेलवाल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और आरएसएस दोनों का समर्थन प्राप्त है, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। वहीं, दुर्गादास उईके जो बैतूल से सांसद और गोंड समाज से ताल्लुक रखते हैं को आदिवासी वर्ग का एक मजबूत चेहरा माना जा रहा है। मध्य प्रदेश में 22% आदिवासी आबादी, जिसमें 13% गोंड समाज शामिल है, को देखते हुए पार्टी उनके नाम पर विचार कर सकती है।

वर्गवार दावेदारी

पार्टी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष का चयन कर रही है। विभिन्न वर्गों से प्रमुख दावेदार इस प्रकार हैं:

    ब्राह्मण वर्ग: डॉ. नरोत्तम मिश्रा (पूर्व गृह मंत्री), राजेन्द्र शुक्ल (उपमुख्यमंत्री), रामेश्वर शर्मा (विधायक )
    वैश्य वर्ग: हेमंत खंडेलवाल (विधायक, बैतूल), सुधीर गुप्ता (सांसद, मंदसौर)
    क्षत्रिय वर्ग: अरविंद भदौरिया (पूर्व मंत्री), बृजेन्द्र प्रताप सिंह (विधायक व पूर्व मंत्री)
    अनुसूचित जाति: प्रदीप लारिया (विधायक, नरयावली), लाल सिंह आर्य (राष्ट्रीय अध्यक्ष, एससी मोर्चा), हरिशंकर खटीक (विधायक व प्रदेश महामंत्री, बीजेपी)
    अनुसूचित जनजाति: गजेन्द्र सिंह पटेल (सांसद, खरगोन), दुर्गादास उईके (केंद्रीय राज्य मंत्री), फग्गन सिंह कुलस्ते (सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री), सुमेर सिंह सोलंकी (राज्यसभा सांसद)

आदिवासी और महिला नेतृत्व पर विचार

सूत्रों के अनुसार, इस दौड़ में आदिवासी वर्ग को प्राथमिकता देने की संभावना है क्योंकि मध्य प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा, 2028 के विधानसभा चुनाव में महिला आरक्षण और नए परिसीमन को ध्यान में रखते हुए पार्टी किसी महिला नेता को भी कमान सौंपने पर विचार कर रही है।
धर्मेंद्र प्रधान की निगरानी में होगी प्रक्रिया

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने संगठनात्मक चुनावों के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मध्य प्रदेश का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। वे 1 जुलाई को भोपाल पहुंचेंगे और पूरी नामांकन प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। इसके बाद 2 जुलाई को होने वाली कार्यसमिति की बैठक में नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने की संभावना है।

जुलाई के पहले सप्ताह में ही पूरी होगी प्रक्रिया

हालांकि यह केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा, लेकिन एक जुलाई को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान का मध्य प्रदेश में दौरा इस बात का संकेत है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। दो जुलाई को भी बैठक रखी गई है। दो दिन में नामांकन से लेकर चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

खंडेलवाल, उइके और पटेल के नाम पर भी मंथन तेज

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में आदिवासी वर्ग के नेता बैतूल सीट से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके और खरगोन सीट से सांसद गजेंद्र पटेल के नाम पर भी मंथन तेज हुआ है। इधर उइके की दावेदारी इसलिए भी प्रबल दिखाई दे रही है क्योंकि गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल हैं और वह केंद्रीय मंत्री भी है। ऐसे में यह प्रयोग पार्टी मध्य प्रदेश में उइके को लेकर कर सकती है।

महिला वर्ग से भी कुछ नाम चर्चा में

मध्य प्रदेश में भाजपा संगठन काफी मजबूत है। यहां पार्टी जो भी प्रयोग करती है वे सफल रहे हैं। इसलिए पार्टी इस बार महिला प्रदेश अध्यक्ष बनाने का प्रयोग भी कर सकती है। महिला नेत्रियों में पूर्व मंत्री व बुरहानपुर से विधायक अर्चना चिटनीस, आदिवासी नेत्री पूर्व मंत्री रंजना बघेल के नाम भी चर्चा में हैं। रंजना बघेल कई बार की विधायक रही हैं और संगठन में भी उपाध्यक्ष रही हैं।

1980 से अध्यक्षों का कार्यकाल

  • अध्यक्ष – जिला – क्षेत्र – माह
  • सुंदरलाल पटवा – नीमच- मालवा- 36 महीने
  • कैलाश जोशी – देवास – मालवा – 16 महीने
  • शिवप्रसाद – चैनपुरिया -जबलपुर – महाकौशल – 9 महीने
  • सुंदरलाल पटवा- मालवा – 50 महीने
  • लख्खीराम अग्रवाल – रायगढ़ – (छग)
  • लक्ष्मीनारायण पांडे – रतलाम – मालवा – 41 महीने
  • नंदकुमार साय – रायगढ़ (छ्ग)
  • विक्रम वर्मा- धार- मालवा- 26 महीने
  • कैलाश जोशी – देवास – मालवा – 32 महीने
  • शिवराज सिंह चौहान – विदिशा – मध्य – 9 महीने
  • सत्यनारायण जटिया – उज्जैन – मालवा – 9 महीने
  • नरेंद्र सिंह तोमर – ग्वालियर – ग्वालियर-चंबल – 42 महीने
  • प्रभात झा – ग्वालियर – ग्वालियर-चंबल – 20 महीने
  • नरेंद्र सिंह तोमर – ग्वालियर – ग्वालियर-चंबल – 20 महीने
  • नंद कुमार सिंह चौहान – खंडवा – मालवा – 17 महीने
  • नंद कुमार सिंह चौहान – खंडवा – मालवा – 28 महीने
  • राकेश सिंह – जबलपुर – महाकौशल – 21 महीने
  • वीडी शर्मा – मुरैना – ग्वालियर-चंबल – 63 महीने

 

 

India Edge News Desk

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