मध्य प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष बने हेमंत खंडेलवाल, धर्मेन्द्र प्रधान ने की घोषणा

भोपाल
 बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल मध्य प्रदेश भाजपा के निर्विरोध नए प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। इसकी औपचारिक घोषणा धर्मेन्द्रप्रधान ने की और मंच पर सीएम डॉ. मोहन यादव सहित अन्य नेताओं ने खंडेलवाल को प्रमाण-पत्र देकर उनका स्वागत किया।

मंगलवार को केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष के लिए उनका इकलौता नामांकन आया। इस पद के लिए खंडेलवाल का नाम लंबे समय से चर्चा में सबसे आगे था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद के चलते वह अध्यक्ष बने हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी खंडेलवाल के पक्ष में थे। खंडेलवाल ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का स्थान लिया।

प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, प्रदेश शासन के मंत्री राकेश सिंह, प्रहलाद सिंह पटेल एवं कैलाश विजयवर्गीय की ओर से पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने हेमंत खंडेलवाल के नाम का प्रस्ताव रखा।

मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में हुई भाजपा की वृहद कार्यसमिति की बैठक में निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान खंडेलवाल पहली पंक्ति में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक और विधायक गोपाल भार्गव के बीच बैठे थे।

नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद का इशारा मिलते ही मुख्यमंत्री यादव, खंडेलवाल की पीठ पर हाथ रखकर मंच की ओर बढ़े।

फिर हाथ पकड़ केंद्रीय मंत्री व मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक सरोज पांडेय और राज्य निर्वाचन अधिकारी विवेक नारायण शेजवलकर के समक्ष प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन-पत्र जमा कराया।

नामांकन जमा करने के लिए निर्धारित समय अवधि में आधा घंटा शेष था ऐसे में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने प्रदेश कार्यालय में मंच से ही कहा कि किसी अन्य को नामांकन पत्र जमा करना हो तो आधा घंटा है, वह जमा कर सकते हैं लेकिन कोई अन्य नामांकन नहीं आया।

मथुरा में जन्मे हेमंत, पिता के निधन के बाद राजनीति में आए

    उत्तर प्रदेश के मथुरा में तीन सितंबर 1964 को जन्मे हेमंत खंडेलवाल को राजनीति और समाजसेवा के संस्कार पिता स्वर्गीय विजय कुमार खंडेलवाल से विरासत में मिले।

    उनके पिता विजय खंडेलवाल भाजपा से बैतूल हरदा संसदीय सीट से सांसद रह चुके हैं। पिता के निधन के बाद खाली हुई इसी सीट से उप चुनाव में हेमंत खंडेलवाल कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव पांसे को हराकर निर्वाचित हुए और राजनीतिक व सामाजिक विरासत संभाली।

    2008-09 तक लोकसभा सदस्य रहे। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हेमंत वागद्रे को हराकर विधायक बने और 2018 तक बैतूल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

    2018 के विस चुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार वह कांग्रेस के निलय डागा से चुनाव हार गए। वर्ष 2014 से 2018 तक मध्य प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे।

    पांच साल बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर खंडेलवाल पर भरोसा जताया। इस दौरान निलय डागा को हराकर उन्होंने अपनी पारिवारिक सीट पर विजय हासिल की।

मालवा-निमाड़ से 8 बार बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बने मालवा-निमाड़ क्षेत्र से भाजपा ने सबसे ज्यादा 8 बार संगठन को नेतृत्व दिया। भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष रहे सुंदरलाल पटवा (सामान्य) मंदसौर के थे। इस पद पर वे दो बार रहे। पहली बार 1980 से 1983 तक और दूसरी बार 1986 से 1990 तक। इसके बाद रतलाम के लक्ष्मीनारायण पाण्डे (सामान्य) 1994 से 1997 तके प्रदेशाध्यक्ष रहे।

मालवा क्षेत्र से धार के विक्रम वर्मा (ओबीसी) 2000 से 2002 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। इसी तरह देवास से पूर्व सीएम कैलाश जोशी (सामान्य) ने 2002 से 2005 तक संगठन का नेतृत्व किया। उज्जैन के सत्यनारायण जटिया (एससी) फरवरी 2006 से नवंबर 2006 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। खंडवा सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान (सामान्य) इस पद पर 2016 से 2018 तक रहे।

2019 में रहे प्रदेश चुनाव अधिकारी, प्रदेश संयोजक रहते लोकसभा चुनाव कराया संपन्न

बीकाॅम-एलएलबी की शिक्षा प्राप्त हेमंत खंडेलवाल कृषि क्षेत्र से जुड़े है एवं व्यवसायी है। वर्ष 2019 में संगठन चुनाव के प्रदेश चुनाव अधिकारी रहे। वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रवासी कार्यकर्ता की जिम्मेदारी निभाई। वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 15 जिलों के 61 विधानसभा क्षेत्रों में प्रवासी कार्यकर्ता के प्रभारी का दायित्व निर्वहन किया। वर्ष 2024 में प्रदेश संयोजक रहते लोकसभा चुनाव कराया। खंडेलवाल, कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी समारोह के सचिव रहे। वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष है।

इनके अलावा राजेंद्र शुक्ला, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह ने भी पत्र दिया। कैलाश विजयवर्गीय नहीं पहुंचे। बुधवार को रहेंगे उपस्थित। यशपाल सिसोदिया ने भी नामांकन का प्रस्ताव दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने हेमंत खंडेलवाल के अलावा अन्य किसी अन्य के नाम के प्रस्ताव के लिए भी पूछा और इसके लिए 10 मिनट का समय दिया। इसके बाद राष्ट्रीय परिषद के नामांकन पत्र आमंत्रित किए गए।

बीजेपी के लिए क्यों खास हैं खंडेलवाल?

रिपोर्ट्स के अनुसार, हेमंत खंडेलवाल सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाने के लिए भी जाने जाते हैं। बताया जाता है कि उनका राजनीतिक सफर उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल की देखरेख में शुरू हुआ। उनके पिता भी हमेशा बीजेपी के साथ जुड़े रहे। वह बीजेपी के एक दिग्गज नेता रहे। साल 2007 में उनका निधन हो गया था। 
पिता ने सिखाई राजनीति की ABCD

जानकारी के अनुसार, जब हेमंत खंडेलवाल ने अपनी बीकॉम एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर ली इसके बाद वह अपने पिता के साथ राजनीति में सक्रिय हो गए थे। हेमंत खंडेलवाल के पिता विजय कुमार खंडेलवाल साल 1996 से साल 2004 तक लगातार चार बार बैतूल से सांसद रहे।

बता दें कि साल 2007 में विजय कुमार खंडेलवाल का निधन हो गया। इसके बाद हुए लोकसभा उप चुनाव में पहली बार हेमंत खंडेलवाल ने किस्मत आजमाई और सफलता भी पाई। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सुखदेव पांसे को भारी अंतर से हराया था। इस जीत के साथ ही हेमंत खंडेलवाल ने पहली बार सांसद बनकर राजनीति प्रवेश किया।
बैतूल बीजेपी के जिला अध्यक्ष भी रहे हेमंत खंडेलवाल

गौरतलब है कि साल 2008 में हुए परिसीमव के बाद बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हो गई। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने हेमंत खंडेलवाल को साल 2010 में बैतूल बीजेपी का जिला अध्यक्ष बनाया गया।

बता दें कि साल 2013 में वह बीजेपी के टिकट से पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे। इस चुनाव के दौरान उन्होंने जीत हासिल की। कहा जाता है कि तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा जो भी जिम्मेदारियों उनको दी गई उन्होंने बखूबी निभाया। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में हेमंत खंडेलवाल को हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद भी वह पार्टी और संगठन के साथ कदम से कदम मिलकर चलते रहे।
2023 में दूसरी बार पहुंच विधानसभा

इसके बाद साल 2023 में हुए विधान सभा चुनाव में हेमंत खंडेलवाल को दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। कई राज्यों में हुए कई चुनावों में उनको पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारियां मिली, जिसको उन्होंने बखूबी निभाया।

नामांकन पत्र देने वालों में मुख्यमंत्री मोहन, विष्णुदत्त शर्मा, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विरेंद्र खटीक, राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, सावित्री ठाकुर, दुर्गादास उईके, फग्गन सिंह कुलस्ते, लाल सिंह आर्य, ओम प्रकाश धुर्वे, सत्यानरण जटिया, जयभान सिंह पवैया, जयंत मलैया, हिमाद्रि सिंह, भारती पराधी, इंदर सिंह परमार, सुधीर गुप्ता, नीना वर्मा, गणेश सिंह, कांत देव सिंह, गोपाल भार्गव, डा नरोत्तम मिश्रा, योगेश ताम्रकार, ब्रहेंद प्रताप सिंह, आलोक संजर, गौतम टेटवाल, कुंवर टैकम, गौरी शंकर बिसेन, उमा शंकर गुप्ता, कमल पटेल, ब्रजेंद्र पटेल, अर्चना चिटनीस, सुमेर सोलंकी कविता पाटीदार।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button