थानेदारी नहीं, करते हैं नेतागीरी, थानो पर महीनो से जमें थानेदार

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

गोंडा। जनपद के थानों व कोतवाली में लंबे समय से अंगद पैर जमाये थानेदार थानों पर आये पीड़ितों की समस्यायें योगी सरकार व अपने उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश के तहत नहीं पैसे व स्थानीय रसूखदारों के इशारे पर निस्तारण करते हैं। जिसके चलते थानों से निराश पीड़ितों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आने को मजबूर होना पड़ता है।

सूत्रों की माने थानो व कोतवालियों पर लंबे समय से जमे वहां के प्रभारी स्थानीय स्तर पर राजनीत में इस तरह घुल मिल जाते हैं की उन्हें यह याद ही नहीं रह जाता कि वह नेता या किसी जाति विशेष के नेता ना होकर प्रदेश पुलिस के एक जिम्मेदार अफसर हैं तथा उन्हें पीड़ित और मजलूमों की सुरक्षा एवं न्याय के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। जिसके चलते वह सरकार के साथ अपने ईमानदार उच्चाधिकारियों की मंशा की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं।

सूत्रों की माने तो जनपद के अधिकांश कोतवालियों व थानों पर ऐसे रसूखदार व दलालों की आमद साफ देखी जा सकती है जो दिन भर स्थानों पर पीड़ितों के लिए रखी गई कुर्सियों को तोड़ते हुए वहाँ आये पीड़ितों के न्याय की उम्मीदों को तोड़ते हुए अपने मन मुताबिक कार्य करवाते हैं। जिसके चलते अब थानों पर पीड़ित आने से भी कतराते हैं जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भीड़ के रूप में अक्सर नजर आते रहते हैं। बहरहाल जिले के न्याय प्रिय कप्तान आकाश तोमर उनके पास आए हुए पीड़ितों की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए उन्हें न्याय का भरोसा दिला कर उनके साथ गलत करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही में देर नहीं लगाते।

अब सवाल यह है कि,यदि यह थानों पर जमें यह थानेदार व कोतवाल अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन जब इमानदारी से नहीं कर पाते हैं तो इनका स्थान परिवर्तन क्यों नहीं किया जाता। जो एक बड़ा और गंभीर सवाल है।

सूत्र बताते हैं कि,ये सभी कहीं न कहीं किसी सत्ताधारी सफेदपोशों की संरक्षण में होते हैं। जिसके चलते उच्चाधिकारी सबकुछ जानते हुये भी उनका स्थानांतरण नहीं करते।और तो और जिनका स्थानांतरण दूसरी जगह व गैर जनपद भी हो जाता है वह वहाँ जाने के बजाय वर्षों अपने थानों पर जमें रहते हैं। अधिकारियों की यह मजबूरी भ्रष्ट थानेदार बाखूबी समझते हैं। और अपनी मनमानी खुलेआम जारी रखते हुये उच्चाधिकारियों के आदेशों व निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते रहते हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो दो वर्ष पूर्व जनपद में तैनात रहे एसपी शैलेश कुमार पाण्डेय के कार्यकाल के बाद से डिस्टर्ब हुई रोटेशन प्रणाली आकाश तोमर के जिले का कार्यभार ग्रहण करने पर कुछ हद तक सुधरी है।बहरहाल इसका सभी को इंतजार है कि,अर्से से जमें हुये तथा रसूख और पैसों पर काम करने वाले ये थानेदार कब लाइन की शोभा बढ़ाते हैं तथा इमानदारी व जिम्मेदारी के साथ काम करने वाले थानो और कोतवालियों में नजर आते हैं।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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