फसल उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना

पूनम खण्डेलवाल

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत किसानों की समृद्धि और खुशहाली के लिए मिशन मोड़ पर कार्य कर रहे है। इसी उद्देश्य के अनुरूप राज्य सरकार मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत खेतिहर भूमि में फार्म पौण्ड निर्माण से वर्षा जल का संचय कर फसल उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह योजना किसानों के जीविकोपार्जन के साथ ही बंजर भूमि को खेतिहर भूमि बनाने में उपयोगी कदम साबित हो रही है। इस योजना से ना सिर्फ फसलों को पानी उपलब्ध हो रहा है बल्कि इससे वर्षा जल के संचय से भू-जल स्तर को सुधारने में भी बढ़ावा मिल रहा है।

योजना में पौण्ड निर्माण में अधिकतम 70 प्रतिशत तक दिया जा रहा अनुदान-

कृषि विभाग के आयुक्त श्री कानाराम बताते हैं कि बरसाती जल के संरक्षण एवं कुशलतम उपयोग के लिए फार्म पौण्ड निर्माण योजनांतर्गत न्यूनतम 40 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। लघु एवं सीमांत कृषकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि योजनान्तर्गत मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से दी जा रही हैं।

कच्चा फार्म पौण्ड निर्माण के लिए लघु एवं सीमांत कृषक को लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम राशि 73 हजार 500 रुपये (जो भी कम हो) देय है। वहीं अन्य कृषक के लिए लागत का 60 प्रतिशत अधिकतम 63 हजार रुपये (जो भी कम हो) का अनुदान दिया जा रहा है।

प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड के लिए लघु एवं सीमांत कृषक को लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम राशि एक लाख 5 हजार रुपये (जो भी कम हो) देय है। वहीं अन्य कृषक के लिए लागत का 60 प्रतिशत अधिकतम 90 हजार रुपये (जो भी कम हो) का अनुदान दिया जा रहा है।

गत 4 वर्षों में 18 हजार से अधिक किसान हुए लाभान्वित-

कृषि आयुक्त बताते हैं कि मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत फार्म पौण्ड निर्माण में गत 4 वर्षों में 18 हजार 394 किसानों को 101 करोड़ 96 लाख 49 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। कृषि बजट घोषणा 2022-23 में राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत आगामी तीन वर्षों में 45 हजार किसानों को 375 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

आवेदन के लिए किसान के पास न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर सिंचित भूमि होना जरूरी-

किसानों को फार्म पौण्ड निर्माण में अनुदान देने के लिए पात्रता निर्धारित की गई है, जिसके तहत इस योजना में वही किसान आवेदन कर सकते हैं, जिनके पास न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर सिंचित कृषि योग्य भूमि है। वहीं किसानों को फार्म पौण्ड बनाने के पहले उसमें सिंचाई के लिए फव्वारा और ड्रिप सिंचाई सयंत्र स्थापित करना होगा। इसके बाद ही राज्य सरकार की तरफ से किसानों को फार्म पौण्ड निर्माण के लिए निर्धारित अनुदान देय होगा।

अनुदान के लिए किसान ऐसे कर सकते हैं आवेदन-

योजना के तहत किसान कृषि विभाग की आधिकारिक बेवसाइट राज किसान साथी पोर्टल पर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र में किसानों को आवश्यक रूप से अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। वहीं किसानों को स्वयं की फोटो के साथ ही नवीनतम जमाबंदी की नकल जो कि 6 माह से अधिक पुरानी न हो तथा सादा पेपर पर अपनी कृषि कार्य में सिंचित एवं असिंचित भूमि का शपथ पत्र देना होगा। राजस्व विभाग द्वारा प्रदत्त स्वामित्व की पासबुक की प्रमाणित छायाप्रति और अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड की सत्यापित छाया प्रति के साथ किसान को अपना जन आधार कार्ड भी लगाना होगा।

योजना अथवा आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते है या किसान कॉल सेंटर के निशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं।

मनोहर और प्रभु दयाल की राह हुई आसान-

दौसा जिले के ग्राम भड़ाना निवासी मनोहर शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में उन्होंने प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड का निर्माण करवाया था जिसके लिए राज्य सरकार ने 90 हजार रुपये की अनुदान राशि दी थी। उन्होंने बताया कि दौसा जिले में पानी की विकट समस्या हैं। लेकिन फार्म पौण्ड बनने के बाद वे बरसात के पानी को संचित करते हैं जिससे उनकी सिंचाई की समस्या दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि फार्म पौण्ड के निर्माण से उनकी आय में 4 गुना बढ़ोतरी हुई है और वे प्रतिवर्ष दो लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमा रहे हैं। अब वे 6 बीघा में गेहूं और चने की फसल की पौण्ड से सिंचाई कर रहे हैं।

इसी प्रकार दौसा जिले के ग्राम गोठड़ा निवासी प्रभु दयाल मीणा ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 2020 में कच्चे पौण्ड का निर्माण करवाया था जिसके तहत राज्य सरकार ने उन्हें 63 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की थी। उन्होंने बताया कि पौण्ड के निर्माण के बाद एक हैक्टेयर में नींबू का बगीचा लगाया है साथ ही वे चना, सरसों, गेहूं और जौ की खेती कर रहे हैं। पौण्ड के निर्माण के बाद उनकी आय में 3 गुना बढ़ोतरी हुई है और वे सालाना 10 से 12 लाख रुपए प्रतिवर्ष की कमाई कर रहे हैं।

India Edge News Desk

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