9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में श्रीपद नाइक : भारत सरकार ने आयुर्वेद के विश्वव्यापी विस्तार को सुगम बनाया है

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

पणजी : 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) का उद्घाटन पणजी, गोवा में केंद्रीय पर्यटन और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में किया गया। 9वीं डब्ल्यूएसी का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर चिकित्सा की आयुष प्रणाली की प्रभावकारिता और ताकत का प्रदर्शन करना है।

केंद्रीय पर्यटन तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने अपने संबोधन में कहा कि 2014 में भारत सरकार ने एक अलग आयुष मंत्रालय की स्थापना करके आयुर्वेद के विश्वव्यापी विस्तार को सुगम बनाया है। उन्होंने कहा कि आयुष आज जिस तरह से तेजी से आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यह याद रखना चाहिए कि इस विकास का बीज उस निर्णय में निहित है। श्री नाइक ने कहा, “हमारे पूर्वजों ने आयुर्वेद को दुनिया के सामने लाया। ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ शुरू से ही भारत की भावना रही है। 2015 में, संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला किया। अब यह दुनिया भर के नागरिकों को लाभान्वित कर रहा है। आयुर्वेद कांग्रेस की गतिविधियां पूरी दुनिया में चिकित्सा और कल्याण की ऐसी पारंपरिक प्रणालियों के प्रचार में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।”

मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो के इस संस्करण की मेजबानी का अवसर देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। डॉ. सावंत ने कहा कि आयुष इलाज के लिए आयुष वीजा की शुरुआत एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कहा कि गोवा में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के आगामी उपग्रह केंद्र से राज्य में आयुर्वेदिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि गोवा के छात्रों को संस्थान में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश में 50% आरक्षण मिलेगा।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में आयुष क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 2022 के अंत तक आयुष क्षेत्र 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के कोविड-19 महामारी प्रबंधन में आयुष का योगदान बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने एक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन किया और पाया कि 89.9% भारतीय आबादी कोविड-19 की रोकथाम और उपचार के लिए कुछ हद तक आयुष पर निर्भर है।

इस अवसर पर ‘आयुष्मान’ कॉमिक पुस्तक श्रृंखला के तीसरे संस्करण का भी विमोचन किया गया। पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में उन्नत अध्ययन की सुविधा के लिए अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और रोसेनबर्ग की यूरोपीय आयुर्वेद अकादमी, जर्मनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2022 का आयोजन 8 से 11 दिसंबर तक गोवा में किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद क्षेत्र को मजबूत करने, इसके भविष्य की कल्पना करने और आयुर्वेद वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए पेशेवरों तथा उपभोक्ताओं के बीच बातचीत की सुविधा के लिए नेटवर्किंग और ज्ञान आदान-प्रदान करने के लिए उद्योग के अग्रदूतों, चिकित्सकों, पारंपरिक वैद्यों, शिक्षाविदों, छात्रों, दवा निर्माताओं, औषधीय पौधा उत्पादकों और विपणन रणनीतिकारों सहित सभी हितधारकों के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करना है। देश में आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) क्षेत्र का बाजार आकार 2014 के 3 बिलियन डॉलर से बढ़कर अब 18 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, जिसमें छह गुना की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2014-2020 के दौरान, आयुष उद्योग में साल-दर-साल 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि आयुर्वेद बाजार के 2021-2026 से 15 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है। 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो में 53 देशों के 400 विदेशी प्रतिनिधियों सहित दुनिया भर के 4500 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। आरोग्य एक्सपो में 215 से अधिक कंपनियां, प्रमुख आयुर्वेद ब्रांड, दवा निर्माता तथा आयुर्वेद से संबंधित शैक्षिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थान भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 11 दिसंबर को डब्ल्यूएसी के समापन समारोह में शामिल होने वाले हैं।

India Edge News Desk

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