कांग्रेस अध्यक्ष के बिना कांग्रेस का पोस्टर, थमने का नाम नहीं ले रहा है कांग्रेस का ‘पोस्टर वार’

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का पोस्टर वार थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर संगठन बौखलाया हुआ नजर आ रहा है। पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की तस्वीर नहीं होने से कांग्रेस की छवि भी खराब हुई है।
छत्तीसगढ़ में पहली बार कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। इसको लेकर कांग्रेस ने रायपुर में तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों के दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति ने भी सिर उठाना शुरू कर दिया है। गुटबाजी की आग इस कदर भड़की है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस को पोस्टरों को हटाने का फरमान जारी करना पड़ा है। पार्टी ने कहा है कि इन पोस्टरों को हटा दें, नहीं तो हटा दिए जाएंगे। मौके की तलाश में जुटी बीजेपी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है।
दरअसल, कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक नया रायपुर मेला मैदान में होगा। इसमें कांग्रेस के सभी बड़े नेता शिरकत करेंगे। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के बीच पोस्टर प्रतियोगिता शुरू हो गई है। ताजा मामला कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को लेकर चल रहे दुष्प्रचार का है। सबसे पहले रायपुर नगर निगम के मेयर एजाज ढेबर ने आक्रामक पोस्टर-होर्डिंग अभियान शुरू किया, कार्यक्रम स्थल के आसपास पोस्टर होर्डिंग अभियान चलाया। कस्बे की ओर जाने वाली सड़क और सभा स्थल को प्रचार सामग्री से पाट दिया गया है। इसके बाद नया रायपुर रोड पर पोस्टरों की बाढ़ आ गई। मेयर एजाज ढेबर के पोस्टरों में पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम की तस्वीर या उनका नाम तक नहीं था। इस फोटो के वायरल होने के बाद रातों-रात पोस्टरों में अलग से मोहन मरकाम की फोटो चिपका दी गई, लेकिन पार्टी के भीतर बवाल मच गया। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस इलाके में प्रचार सामग्री लगाने पर रोक लगा दी है।
बताया जाता है कि मंगलवार को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने स्वागत समिति की बैठक कर दायित्वों का वितरण किया। इसके बाद सभी ने सभा स्थल पर जाकर तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही रायपुर शहर में प्रचार सामग्री डालने का अभियान चलाया गया। बुधवार दोपहर तक, अधिवेशन की ओर जाने वाली सड़कें, हवाई अड्डे से शहर की ओर जाने वाली सड़कें प्रचार सामग्री से अटी पड़ी थीं।
मेयर एजाज ढेबर द्वारा प्रस्तुत प्रचार सामग्री में क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहन मरकाम का नाम भी नदारद था। विरोध शुरू होने के बाद प्रचार सामग्री पर मोहन मरकाम का फोटो अलग से चिपका दिया गया। शाम तक प्रदेश कांग्रेस में हंगामा होता रहा। देर शाम पीसीसी महासचिव संगठन रवि घोष ने आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देश पर जो प्रचार सामग्री लगाई है, उसे हटाना उचित होगा, अन्यथा हटा दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रचार सामग्री हटाने का आदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रशासन के प्रभारी महासचिव रवि घोष ने आदेश जारी किया है कि मुक्तांगन के सामने एकात्म पथ से टी-प्वाइंट, मेला ग्राउंड से मेन एंट्री प्वाइंट और मेफेयर से वीवीआईपी एंट्री प्वाइंट तक के क्षेत्र को लाल रंग से चिह्नित किया गया है। यह शहीद वीर नारायण सिंह नगर का हिस्सा होगा, जो कांग्रेस अधिवेशन के लिए आरक्षित है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुमति से ही पूरे क्षेत्र में प्रचार सामग्री का प्रदर्शन किया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी संगठन के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि यहां कोई भी प्रचार सामग्री पोस्ट न करें, पोस्ट की गई सामग्री को हटाना उचित होगा। नहीं तो हटाया जाएगा।
पोस्टर में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम का फोटो नहीं लगाने पर कांग्रेस के तीन नेताओं को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। कहा गया है कि अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिन तीन लोगों को नोटिस दिया गया है, उनमें से दो डेढ़ साल पहले जकांछ से कांग्रेस में शामिल हुए थे। हालांकि वे कांग्रेस से ही जकांछ चले गए थे। संगठन में उनसे काफी नाराजगी है और पार्टी से उनके निष्कासन की प्रबल संभावना है।
बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी में पोस्टर प्रतियोगिता को लेकर मचाए गए बवाल की खिल्ली उड़ाई है। बीजेपी नेता गौरी शंकर श्रीवास ने कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस परंपरा के नाम पर समाधान निकालने के लिए आपस में लड़ रही है। कोई अनुशासन नहीं, कोई प्रोटोकॉल नहीं। यहां अघोषित गैंगवार की स्थिति है। स्थिति गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आदिवासी अध्यक्ष के नेतृत्व को स्वीकार करने में असमर्थ हैं। तो कभी फोटो हटाकर तो कभी अन्य कारणों से मोहन मरकाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह उनके आदिवासी विरोधी चेहरे को दर्शाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले समय में संघर्ष तेज होगा।