अमित शाह ने बस्तर संभाग की स्थानीय भाषा हल्बी की समाचार सेवा का किया शुभारंभ

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली/जगदलपुर : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के 84वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस अवसर पर परेड की सलामी भी ली। श्री अमित शाह ने प्रसार भारती के बस्तर संभाग की स्थानीय भाषा हल्बी की समाचार सेवा का भी शुभारंभ किया।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ पहली बार वामपंथी उग्रवाद के केंद्र छत्तीसगढ़ के बस्तर में अपनी स्थापना दिवस परेड आयोजित कर रहा है और यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के अभियान के दौरान बल के 763 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। आज वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई विजय के निर्णायक पड़ाव पर है, उसमें शहीद जवानों का बहुत बड़ा योगदान है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि चाहे जम्मू- कश्मीर का क्षेत्र हो, नॉर्थईस्ट की अशांति के खिलाफ लड़ना हो या फिर वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ते हुए आदिवासियों तक विकास को पहुंचाना हो, हर क्षेत्र में सीआरपीएफ़ के जवानों ने अप्रतिम शौर्य और बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा और शांति दोनों के लिए जनता का सम्पूर्ण भरोसा CRPF के जवानों पर है, जो उनके साहस और शौर्य से ही निर्मित हुआ है। श्री शाह ने कहा कि आज यहां सीआरपीएफ के 174 करोड़ की लागत वाले 3 विकास कार्यों का भी लोकार्पण हुआ है। इसके साथ ही हल्बी भाषा में प्रसार भारती के साप्ताहिक समाचार बुलेटिन की भी शुरूआत आकाशवाणी ने की है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की भाषा में पहला समाचार बुलेटिन शुरू करने के लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे ना केवल हमारी स्थानीय भाषाएं मज़बूत होंगी, बल्कि इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को देश-दुनिया में घटित होने वाली घटनाओं के समाचार मिल सकेंगे और इससे देश और दुनिया के साथ उनका संपर्क भी बढ़ेगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज यहां नारी शक्ति थीम पर आयोजित सीआरपीएफ महिला मोटरसाइकिल टीम का फ्लैग-इन का कार्यक्रम भी है। ये 75 महिला जवान 38 मोटरसाइकिलों के साथ 9 मार्च, 2023 से 1848 किलोमीटर की यात्रा करते हुए आज यहां पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि इन महिला जवानों के शौर्य से पूरे देश में महिला शक्ति को बल मिला है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 27 जुलाई 1939 को सीआरपीएफ की स्थापना हुई लेकिन आज के इस बल का पुनर्जन्म लौहपुरूष और देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के हाथों से हुआ। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर, 1949 को सरदार पटेल ने इसका नाम बदलकर केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल रखा था और 19 मार्च, 1950 को उन्होंने इस बल को इसका निशान प्रदान किया था। श्री शाह ने कहा कि एक बटालियन के साथ शुरू हआ ये बल आज 246 बटालियन, 4 जोनल मुख्यालय, 21 सेक्टर मुख्यालय, 2 परिचालन सेक्टर मुख्यालय, 17 परिचालन रेंज, 42 प्रशासनिक रेंज और सवा तीन लाख से अधिक जवानों के साथ देश का सबसे बड़ा सीएपीएफ है।

श्री अमित शाह ने कहा कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में 21 अक्तूबर, 1959 को चीनी सेना का मुकाबला करते हुए अदम्य साहस और बलिदान की भावना का परिचय देते हुए सीआरपीएफ के जवानों ने शहादत दी और उस शहादत को अमर ऱखने के लिए कृतज्ञ देश ने 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नई दिल्ली में चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाया है जहां हर वर्ष 21 अक्टूबर को शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल, 1965 को सीआरपीएफ ने कच्छ के रेगिस्तान में सरदार पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना को बहादुरी से मुंहतोड़ जवाब दिया और इसीलिए 9 अप्रैल को पूरा देश शौर्य दिवस के रूप में मनाता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र तभी जीवित रह सकता है जब इसकी सुरक्षा समर्पित तरीके से की जाए और देश में चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कराने में बाकी सभी सीएपीएफ को साथ रखते हुए सीआरपीएफ का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश की संसद और अयोध्या पर हुए हमलों को सीआरपीएफ के जवानों ने ही निरस्त किया।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के सुरक्षाबलों ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ पिछले 9 सालों में एक मज़बूत लड़ाई लड़ी है और सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि जो वामपंथी उग्रवादी जनजातीय क्षत्रों के विकास में रोड़ा बने हुए थे, उन्हें हटाने का काम भी सीआरपीएफ ने किया है। श्री शाह ने कहा कि समस्या वाले सभी क्षेत्रों में सीआरपीएफ ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उनकी हौसला अफजाई करते हुए एक अभेद्य शक्ति का निर्माण किया और सामंजस्य के साथ अपने संगठन कौशल का भी परिचय दिया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा की घटनाओं में 2010 के उच्चतम स्तर के मुकाबले 76% की कमी आई है, जान गंवाने वालों में लगभग 78% की कमी आई है। इसके अलावा सीआरपीएफ ने अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर ज्वाइंट टास्क फोर्स भी बनाई जिससे वामपंथी उग्रवादियों को अंतरराज्यीय सीमाओं का लाभ उठाने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि दशकों तक वामपंथी उग्रवाद के गढ़ रहे बिहार और झारखण्ड के बूढ़ा पहाड़, चक्रबंधा और पारसनाथ के क्षेत्रों को उग्रवाद से मुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में बहुत तेजी से कमी आई है, अब इन इलाकों में आखिरी व्यक्ति तक विकास पहुंच रहा है। श्री शाह ने कहा कि बिहार और झारखंड में सुरक्षा का वैक्यूम समाप्ति की ओर है और यह सीआरपीएफ के वीर जवानों और पुलिस बलों के संयुक्त पराक्रम के कारण ही हो पाया है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादियों के फंडिंग स्रोत को रोकने के लिए एनआईए और ईडी द्वारा भी अनेक प्रकार के केस दर्ज करके हम कठोर कार्यवाही कर रहे हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में भी पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए स्वीकृत 70000 किलोमीटर सड़क में से 11000 किलोमीटर सड़क बन चुकी है, 2343 मोबाइल टावर लग चुके हैं, एकलव्य स्कूल को प्रायोरिटी एरिया में खोलने का काम चल रहा है, 1258 बैंक ब्रांच केवल 5 साल में खोली गई हैं, 1348 एटीएम खोले गए हैं, स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत 47 आईटीआई और 68 स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने का काम भी पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मोदी सरकार, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के संयुक्त प्रयासों से विकास की गति बढ़ रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने सीआरपीएफ जवानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। छत्तीसगढ़ बस्तरिया बटालियन में 400 स्थानीय युवाओं की भर्ती की गई है, वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्र में सड़कों का निर्माण हुआ है, 398 पुल और पुलिया बनाने में सीआरपीएफ ने बड़ा योगदान दिया है। सीआरपीएफ ने हर घर तिरंगा अभियान में भी 25 लाख से अधिक तिरंगे फहराकर इसे सफल बनाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सीआरपीएफ के आधुनिकीकरण पर बहुत ध्यान दिया गया है। सिर्फ 2022-23 में ही 14 परियोजनाओं को पूरा कर दिया गया है। जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर और बटालियनों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए 4309 करोड़ रूपए सीआरपीएफ के लिए खर्च किए गए हैं। हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो बढ़ाने के लिए लगभग 11 हज़ार मकान बन चुके हैं और 28,500 सीएपीएफ के लिए बनाने का काम जारी है। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत हर माह लड़कियों को 3000 रु. और लड़कों के लिए 2500 रु. जारी किया जा रहा है।

श्री अमित शाह ने सीआरपीएफ के जवानों से कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार आपको हर सुविधा उपलब्ध कराने और समस्याओं को कम करने के लिए आपके साथ खड़ी है। उन्होंने विश्वास जताया कि अपने 84 साल के गौरवमयी इतिहास को दोहराते हुए और सुदृढ़ करते हुए वामपंथी उग्रवाद के पूरे सफाए तक इस क्षेत्र के अंदर हम तन्मयता के साथ मां भारती के लिए काम करते रहेंगे।

India Edge News Desk

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