निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने अदालत के समक्ष किया आत्मसमर्पण

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
रांची : निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने अपनी जमानत अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को रांची में एक विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने के बाद पूजा सिंघल को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि 10 अप्रैल को पीके शर्मा की विशेष पीएमएलए अदालत ने निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के खिलाफ पीएमएलए की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय किए थे। सिंघल को अपनी बीमार बेटी के इलाज के लिए फरवरी 2023 में दो महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी। इससे पहले तीन जनवरी को सिंहगल को इसी आधार पर एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी।
जमानत अवधि समाप्त होने के दो दिन पहले उसने 4 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर कर दिया और सरेंडर सर्टिफिकेट हासिल कर लिया। उसने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिसे मंजूर कर लिया गया। सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय के गवाहों से दूर रहने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने सिंहगल को निर्देश दिया था कि वे गवाहों पर कोई दबाव बनाने की कोशिश न करें और उन्हें प्रभावित न करें। झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा 3 नवंबर, 2022 को जमानत से इनकार करने के बाद सिंघल ने SC का दरवाजा खटखटाया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 15 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 11 मई को सिंघल को गिरफ्तार किया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में झारखंड की पूर्व खनन सचिव पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। संपत्तियों में ‘पल्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’, ‘पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर’ और रांची में स्थित दो लैंड पार्सल शामिल हैं। ईडी ने दावा किया कि सिंघल ने 80.81 लाख रुपये के प्रीमियम का भुगतान करके 13 बीमा पॉलिसी खरीदीं और कार्यकाल पूरा होने से पहले उन्हें बंद कर दिया और इसके एवज में उन्हें 84.64 लाख रुपये मिले।
(जी.एन.एस)