सिलिकोसिस केयर अभियान के तहत मिला संबल

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नागौर जिले के ग्राम भवाद निवासी बीरमाराम 15-20 साल से पत्थर तराशने का कार्य करते थे। काफी वर्षों तक कार्य करने की वजह से उन्हें दमा/अस्थमा की समस्या हो गयी उन्होंने इलाज के लिए भिन्न भिन्न चिकित्सालयों के चिकित्सकों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जिसके कारण इनका बहुत पैसा इलाज में खर्च हो गया परन्तु इनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ इलाज में लगातार पैसे खर्च होने के कारण इन्हें अपनी 8 बीघा कृषि जमीन भी बेचनी पडी़ । साथ काम करने वालों में से किसी ने उन्हें सिलिकोसिस पीड़ितों के देखभाल के बारे में समाचार पत्र में प्रकाशित लेख के बारे में बताया ।

बीरमाराम को टी.बी की बीमारी होने का संदेह था किसी ने उन्हें जिला टी.बी अस्पताल नागौर जाकर जांच करवाने का सुझाव दिया उन्होंने वहॉं जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाया मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों द्वारा की गयी जॉंच में बीरमाराम टी.बी रोग से तो ग्रसित नहीें पाया गया परन्तु काफी वर्षों तक खनन क्षेत्रों में कार्य करने के कारण उन्हें सिलिकोसिस बीमारी लग गयी ।

जिला प्रशासन नागौर द्वारा चलाये गये अभियान सिलिकोसिस केयर व राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस पीड़ितों के सहायतार्थ योजना में बीरमाराम को एक सप्ताह के भीतर ही इनके बैंक खाते में 3 लाख रुपये की सहायता राशि हस्तांतरित कर दी गयी उन्हें इस अभियान के माध्यम से अपने हक का पूरा पैसा प्राप्त हुआ व अन्य सभी सरकारी योजनाओं से भी लाभान्वित हुआ। साथ ही इस राशि से उन्होंने अपनी बेची हुई जमीन भी वापस खरीद ली ।

नगौर जिले के तहसील खींवसर ग्राम धारणावास निवासी परसाराम पिछले 20 वर्षों से खनन क्षेत्रों में पत्थर निकालने व तराशने का कार्य करते थे काफी वर्षों कार्य करने के कारण उन्हें दमा/अस्थमा की समस्या हो गयी उन्होंने इलाज के लिए विभ्न्नि चिकित्सालयों के चिकित्सकों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जिसके कारण उनका बहुत पैसा इलाज में खर्च हो गया । इलाज लेने के उपरान्त भी इनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीें हुआ और दिन प्रतिदिन इनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती गयी ।

एक दिन इनके साथ खान में कार्य करने वाले श्रमिक ने इन्हें सिलिकोसिस पीड़ितों की देखभाल व उनके समुचित इलाज के बारे में समाचार पत्र में प्रकाशित लेख के बारे में बताया व कहा कि एक बार नागौर जिला टी.बी हॉस्पिटल में जाकर टी.बी बीमारी की जॉंच करवा लें । उन्होंन वहॉं जाकर अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाया मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों द्वारा कि गयी जॉंच में परसाराम टीबी रोग से तो ग्रसित नहीें पाया गया परन्तु काफी वर्षों तक खनन क्षेत्रों में कार्य करने के कारण उन्हें सिलिकोसिस बीमारी हो गयी ।

जिला प्रशासन नागौर द्वारा चलाये गये सिलिकोसिस केयर अभियान व राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस पीड़ितों के सहायतार्थ योजना में परसाराम को मेडिकल बोर्ड नागौर द्वारा सिलिकोसिस रोग का प्रमाण पत्र दिया गया व एक सप्ताह के भीतर ही इनके बैंक खातें में 3 लाख रुपये की सहायता राशि हस्तांतरित कर दी गयी । उन्हें इस अभियान के माध्यम से अपने हक का पूरा पैसा प्राप्त हुआ व अन्य सभी सरकारी योजनाओं से भी इनका परिवार लाभान्वित हुआ ।

साथ ही सबसे बडी़ बात अब परसाराम ने खनन कार्य छोड़कर सरकार द्वारा मिली सहायता राशि से अपने गांव में एक किराणा दुकान खोल ली व उससे अपना जीविकोेपार्जन कर रहें हैं ।

India Edge News Desk

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