किसानों के परिश्रम के कारण आज आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है यूपी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ : किसान और श्रमिक शासन के एजेंडे का हिस्सा हो सकते हैं, ये देश ने बीते 9 साल में पहली बार महसूस किया है। किसान और श्रमिक किसी जाति, मत और मजहब के नहीं, बल्कि समाज की जरूरतों को अपने परिश्रम पूरा करने वाले और देश-दुनिया का पेट भरने वाले होते हैं। यूपी के किसानों के परिश्रम के कारण आज प्रदेश देश में आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है। ये बातें बुधवार को लोक भवन में आयोजित पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए बृहद संतृप्तीकरण अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। इस दौरान उन्होंने किसानों को कृषि सुविधाओं का त्वरित लाभ देने के लिए संचालित दर्शन पोर्टल के लोगो की लॉन्चिंग के साथ ही विभिन्न सेवाओं एवं अनुदान के लिए कृषक पंजीकरण का शुभारंभ भी किया।

तकनीक से भ्रष्टाचार पर प्रहार भी, जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ भी
कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अबतक 2 करोड़ 63 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ चुके हैं। अबतक उत्तर प्रदेश में 55 हजार 800 करोड़ की धनराशि पीएम किसान निधि सम्मान के रूप में हमारे किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है। मगर इसके बावजूद हमें कुछ किसानों से ये सुनने को मिलता था कि उन तक पैसा नहीं पहुंच रहा है। इसे देखते हुए आधार ऑथेंटिफिकेशन की कार्रवाई को बृहदस्तर पर शुरू किया जा रहा है, जिससे शत प्रतिशत पात्र किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकें। आज से प्रदेश के सभी 55 हजार ग्राम पंचायतों में इस बड़े अभियान की शुरुआत हो रही है। तकनीक का उपयोग भ्रष्टाचार पर प्रहार कर सकता है तो जरूरतमंदों को शासन की सुविधाओं का लाभ भी पहुंचा सकता है। इस अभियान में पोस्ट ऑफिस, कृषि और राजस्व विभाग के लोग जुड़कर गांव-गांव में पात्र किसानों को योजना से जोड़ने के महाअभियान में जुटेंगे। हर गांव में प्रचार के साथ इसे आगे बढ़ाने का काम शुरू किया जा चुका है।

लैंड रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन से गांव के झगड़े समाप्ति की ओर
मुख्यमंत्री ने बताया कि गांवों की सूरत आज बदल चुकी है। लैंड रिकॉर्ड को काफी हद तक डिजिटलाइज किया जा चुका है। इसकी वजह से गांव के झगड़े समाप्ति की ओर हैं। पहले छोटे मोटे विवाद में झगड़े हो जाया करते थे। पीएम स्वामित्व योजना के माध्यम से किसान को घरौनी उपलब्ध कराके मालिकाना हक प्रदान किया गया है। यूपी में अबतक 56 लााख घरौनी उपलब्ध कराई जा चुकी है। इस वर्ष के अंत तक डेढ़ करोड़ परिवारों को घरौनियां प्रदान कर दी जाएंगी। इनके सर्वे का काम पूरा हो चुका है। आज गांव व्यापक सुधार के साथ स्वच्छता का लक्ष्य लेते हुए टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। बीसी सखी और ग्राम सचिवालय की सुविधा गांवों में दी जा रही है। गांव में ही बैंकिंग की सुविधा का लाभ मिलने लगा है। गांवों का पैसा गांव के विकास में खर्च हो, कारोबार के लिए पैसे की जरूरत हो, पेंशन का पैसा निकालना हो या खाते से पैसा निकालना हो, इसके लिए गांव से बाहर नहीं जाना होगा। ये सब बीसी सखी के माध्यम से ही उपलब्ध कराई जा रही है। टेक्नोलॉजी आज की आवश्यक्ता है और इसे बेहतर ढंग से गांवों में आगे बढ़ाने का काम चल रहा है।

किसानों को सम्मान देने का ये महाअभियान
यह बृहद अभियान किसानों को सम्मान देने का महाअभियान है। इस अभियान से जुड़ी सभी संस्थाएं इसे बृहद पैमाने पर लगकर पूरा करेंगी। इससे किसानों की ओर से आने वाली शिकायतों का समाधान होगा और मुझे उम्मीद है कि 10 जून के बाद यूपी का कोई किसान इस प्रकार की शिकायत नहीं करेगा कि मैं इस योजना के लाभ से वंचित रह गया।

इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, उपकार के चेयरमैन कैप्टन विकास गुप्ता, अपर मुख्य सचिव (कृषि) डॉ देवेश चतुर्वेदी, कृषि विभाग के अधिकारीगण और प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए किसान मौजूद रहे।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button