राजनीति, बीजेपी और कांग्रेस में 12 जाति समूहों को आदिवासी वर्ग में शामिल करने का श्रेय लेने की होड़
देश के 12 प्रमुख समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हैं
रायपुर : देश के 12 प्रमुख समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बीजेपी के फैसले से छत्तीसगढ़ के 10 लाख आदिवासियों की जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी |
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा
बीजेपी के फैसले से आदिवासी समाज को पीढ़ियों तक फायदा मिलेगा. साव ने 12 आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर उन्हें संवैधानिक अधिकार एवं लाभ देने का कानून बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से मात्र लिपिकीय त्रुटि के कारण पिछले 70 वर्षों से अपने संवैधानिक अधिकारों एवं आरक्षण के लाभ से वंचित 12 आदिवासी समुदायों के लोग अब अपना स्वर्णिम भविष्य बना सकेंगे। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है की सरकार, केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा व केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह को दिया है।
साव ने बताया कि राज्य के भरिया भूमिया के पर्यायवाची शब्द भुइया, भुइयां, भुइयां, धनवार को धनुहार का पर्यायवाची धनुवार, नगसिया, नगसिया को पर्यायवाची किसान, सावर, सावरा को पर्यायवाची सौंरा, संवरा, धांगड़ को प्रतिस्थापित कर सुधार, बिंझिया, कोड़ाकू बनाया गया है। कोडाकू, कोंध के साथ-साथ कोंड, भारिया, भरिया, पंडो, पंडो, पंडो को जनजाति श्रेणी में शामिल किया गया है। प्रेसवार्ता में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम, प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी,सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल माजूद रहे।
कांग्रेस के प्रयासों से 12 जाति समूहों को आदिवासी वर्ग में शामिल किया गया, दीपक बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार के प्रयासों और कानूनी अनुशंसा के कारण 12 जाति समूहों के लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया गया. मुख्यमंत्री बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को इस आशय का पत्र भी लिखा था |
विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने इन जाति समूहों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए आंदोलन किया था। मुख्यमंत्री बघेल स्वयं प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए लगातार सौरा समाज सहित अन्य समाजों के आंदोलनों में उन्हें शामिल कर उनकी मांगों के लिए आवाज उठाते रहे हैं। आदिवासियों का 15 साल तक शोषण करने वाले रमन सिंह और भाजपा 12 जाति समूहों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का श्रेय लेने की होड़ में परेशान हो रहे हैं |