छत्तीसगढ़ में बढ़ा आई फ्लू का खतरा; सीएम ने बुलाई बैठक, रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने के दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रही आंख की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस की स्थिति को देखते हुए सीएम ने तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई है.
रायपुर : छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रही आंखों की बीमारी कंजंक्टिवाइटिस (गुलाबी आंख) की स्थिति के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को एक बैठक बुलाई है। बैठक में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे|
इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार आई फ्लू की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. सीएम भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य विभाग को आई फ्लू वायरस के नमूनों की जांच के साथ ही कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए. बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं |
आई फ्लू के 20 हजार से ज्यादा मरीज
प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में नेत्र रोग कंजंक्टिवाइटिस (पिंक आई) के 20 हजार से ज्यादा मरीज मिले हैं। तेजी से फैल रहे इस वायरस का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कल्चर और सेंसिटिविटी टेस्ट के लिए सैंपल रायपुर मेडिकल कॉलेज भेजा है. इधर, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से बीमारी को लेकर जानकारी मांगी है |
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस के सैंपल से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किस तरह का वायरस फैल रहा है. और इसमें कौन सी दवा का इस्तेमाल कारगर होगा. सैंपल रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है, जिसमें वायरस से जुड़ी सभी रिपोर्ट होंगी |
कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग उठाए ये जरूरी कदम
बता दें कि कंजंक्टिवाइटिस के इलाज के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है. स्वास्थ्य विभाग शिविरों के माध्यम से जांच, उपचार और जागरूकता अभियान चला रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्कूल शिक्षा और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के संचालक को परिपत्र जारी किया है।
स्वास्थ्य विभाग ने दोनों विभागों को स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों और आश्रम-छात्रावासों में कंजंक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को इस संक्रमण के लक्षण, उपचार और बचाव के बारे में भी जानकारी देने को कहा है |