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जादुई नंबर '272' की लड़ाई से पहले भारत के सामने क्या है बड़ी चुनौती?

2024 के चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. 31 अगस्त को जहां विपक्षी गठबंधन भारत की बैठक मुंबई में होने वाली है, वहीं 1 सितंबर को एनडीए की बैठक भी मुंबई में होगी.

मुंबई : 2024 के आम चुनाव की जंग के लिए राजनीतिक पार्टियां तैयारी में जुट गई हैं. जुलाई में बेंगलुरु बैठक में यूपीए ने खुद को फिर से जीवंत किया और भारत के नाम पर एक नई पहचान बनाई और दावा किया कि अब लड़ाई आर-पार की होगी. यह अलग बात है कि एनडीए के नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि सपना अधूरा रह जायेगा. इन सबके बीच 31 अगस्त को मुंबई में भारत की बैठक होने जा रही है. क्या ये गठबंधन एनडीए के सामने चुनौती पेश कर पाएगा? क्या वाकई केंद्र की सत्ता में होगा बड़ा बदलाव? जवाहरलाल नेहरू का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है नरेंद्र मोदी तोड़ सकेंगे रिकॉर्ड! क्या भारत के घटक दल सीट बंटवारे के मुद्दे पर बड़ा दिल दिखा पाएंगे. यह एक अहम सवाल है।

राहुल गांधी ने क्या कहा

भारत के गठन के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि यह सिर्फ विपक्षी दलों का गठबंधन नहीं है. ये पूरे देश की आवाज है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने जो कुछ भी महसूस किया वह भारत में प्रतिबिंबित होता है। कांग्रेस के लिए सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश में बदलाव है. वर्तमान केंद्र सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में विफल रही है. हमें लगता है कि इस देश को बचाने के लिए विपक्ष को एक एकजुट मंच की जरूरत थी, जिसे हम भारत के जरिए पूरा करने में सक्षम हैं.’ अगर अगर राजनीतिक पिच पर विपक्षी दल एकजुट होकर बल्लेबाजी नहीं करेंगे तो ये बातें सिर्फ बातचीत तक ही सीमित रह जाएंगी.

कहां है चुनौती सत्ता संघर्ष में अंकगणित

अहम भूमिका निभाता है और उस अंकगणित को सफल बनाने के लिए केमिस्ट्री अच्छी होनी चाहिए. कहने का मतलब है कि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 272 है. अगर कांग्रेस की ताकत पर नजर डालें तो 2014 और 2019 के चुनाव नतीजे खुद-ब-खुद ताकत का अहसास करा देते हैं. भारत के नाम पर कांग्रेस जिन पार्टियों के साथ सामने है वो अपने-अपने राज्यों में ताकतवर पार्टियां हैं. सवाल भारत के लोगो और झंडे का नहीं है, सवाल ये है कि क्या क्षेत्रीय पार्टियां अपने-अपने राज्यों में सीटें जीत पाएंगी. क्षेत्रीय दल सीटों की संख्या पर सहमति बना सकेंगे. मुंबई में होने वाली बैठक से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने संयोजक के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा था कि लक्ष्य बीजेपी को हराना है, सीटों की संख्या कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन ममता बनर्जी की तरफ से जो बयान आ रहे हैं वो चिंताजनक हैं |

क्या है INDIA

  • इंडिया करीब 24 विपक्षी दलों का गठबंधन है
  • इंडिया की अब तक दो बैठक हो चुकी है.
  • 31 अगस्त को  मुंबई में तीसरी बैठक होने जा रही है.
  • बैठक से पहले नीतीश कुमार ने कहा कि उनके लिए संयोजक से अहम विपक्ष को एकजुट करना है.
  • बैठक में साक्षा चिन्ह और राज्यों में सीट बंटवारे पर चर्चा होने की उम्मीद

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत एनडीए के लिए तभी बेहतर चुनौती पेश कर सकता है, जब क्षेत्रीय दल अपनी महत्वाकांक्षा छोड़कर जमीनी स्तर पर भारत का हिस्सा बनें। अगर सीट बंटवारे को लेकर क्षेत्रीय दलों में सहमति नहीं बनी तो भारत सिर्फ कागजों पर ही रह जाएगा. भारत में शामिल पार्टियां वैचारिक तौर पर एक मंच पर हैं, लेकिन ज़मीन पर बदलाव के लिए उन्हें त्याग करना होगा, जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है |

India Edge News Desk

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