लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराए मोदी सरकार-बैज
भाजपा महिला विरोधी, कांग्रेस सरकारों ने ही कदम उठाया, पीसीसी अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि नौ साल पहले राज्यसभा में यह विधेयक पारित हो चुका है

रायपुर : पारित कराने कांग्रेस ने मांग उठाई। पीसीसी अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि नौ साल पहले राज्यसभा में यह विधेयक पारित हो चुका है। उच्च सदन में पारित विधेयक कभी समाप्त नहीं होता इसलिए यह विधेयक अभी भी जीवित है महिलाओं को उनका हक देने केन्द्र सरकार अब लोकसभा के विशेष सत्र में इसे प्रस्तुत करे। पीसीसी अध्यक्ष के मुताबिक महिला विरोधी भाजपा सरकार में इस विधेयक को लोकसभा में पारित कराने की संभावना कम है। महिलाओं से दुर्भावना रखने वाली भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस में उन्हें पदाधिकारी नहीं बनाया जाता कांग्रेस हमेशा आधी आबादी को उसका पूरा अधिकार देने की पक्षधर रही है। कांग्रेसी सरकारों ने इसके लिए समय-समय पर कदम भी उठाया है।
पीएम राजीव गांधी ने महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान :
1989 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। यह विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था। 1993 में नरसिम्हा राव सरकार में विधेयक दोनों सदन में पारित होने के बाद कानून बना महिलाओं के लिए संसद, विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लाए जो राज्यसभा में पारित हुआ। कांग्रेस सरकारों के प्रयास से ही देश की पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि है। भाजपा महिलाओं को उनका हक देने की विरोधी रही है। मोदी सरकार चाहे तो लोकसभा में पर्याप्त संख्या बल होने से महिलाओं को उनका अधिकार मिल जाएगा।