कुरुद विधानसभा से कांग्रेस की तारिणी नीलम चंद्राकर देंगी बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर को टक्कर, जानिए पूरा समीकरण
छत्तीसगढ़ की कुरूद विधानसभा सीट पर जिले में सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत है. हर चुनाव में यहां की जनता बदलाव लाने में आगे रहती है. इस बार फिर छत्तीसगढ़ में चुनाव हैं. ऐसे में कुरुद की जनता एक बार फिर चुनाव में अपना नेता चुनने के लिए तैयार है
रायपुर : कुरुद विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. यह धमतरी जिले में पड़ता है। कुरुद विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ की राजनीति में काफी अहम मानी जाती है. इस सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर आते हैं. वही कांग्रेस से तारिणी चंद्राकर कुरूद विधानसभा सीट से आती हैं. राजनीतिक दृष्टि से भी इस क्षेत्र का राजनीति में काफी महत्व है। भौगोलिक स्थिति की बात करें तो कुरूद विधानसभा के पूर्व में गरियाबंद विधानसभा और पश्चिम में पाटन और बालोद विधानसभा स्थित है। उत्तर में राजिम सहित अभनपुर विधानसभा है और दक्षिण में धमतरी सहित सिहावा विधानसभा है।
कौन कर रहा है एक दूसरे का सामना ?
कुरुद विधानसभा बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. इस बार कुरुद से बीजेपी ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर पर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस की बात करें तो तारिणी चंद्राकर को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया गया है.तारिणी चंद्राकर को नारी शक्ति सम्मान मिला है।
कुरुद का राजनीतिक इतिहास क्या है ?
कुरुद विधानसभा से चुनाव जीतकर कांग्रेस से भोपालराव पवार और बीजेपी से यशवंतराव मेघावाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बने. फिलहाल इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस से कांग्रेस सचिव, गरियाबंद जिला महिला कांग्रेस कमेटी के जिला प्रभारी तारिणी चंद्राकर और भाजपा से कुरुद विधायक अजय चंद्राकर कर रहे हैं. हालाँकि, कुरुद विधानसभा में किसी तीसरे दल का कोई अस्तित्व नहीं है।नए परिसीमन के बाद मगरलोड क्षेत्र के 90 गांव इस विधानसभा से अलग हो गए और भखारा क्षेत्र के 42 गांव इस विधानसभा में शामिल हो गए। परिसीमन के बाद हुए चुनाव में बीजेपी को झटका जरूर लगा।
कुरुद विधानसभा में मतदाताओं की स्थिति
कुरुद विधानसभा की जनसंख्या तकरीबन 208382 है. जिसमें 104338 पुरूष और 104042 महिला मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में साहू मतदाता अधिक हैं. लेकिन कुर्मी वोट भी चुनाव प्रभावित करते हैं. 51 फीसदी महिला मतदाता है. इस क्षेत्र में करीब 1 लाख साहू मतदाता हैं. इसके अलावा करीब 35 हजार कुर्मी मतदाता है. हालांकि यहां जातिगत चुनाव मायने नहीं रखते हैं. कुरुद के मतदाताओं की जागरुकता इस बात से भी दिखती है कि वे मतदान के अधिकार का उपयोग करने में आगे रहते हैं. जिले में सबसे अधिक वोटिंग कुरुद विधानसभा में होती है।
कुरुद विधानसभा में राजनीतिक समीकरण
कुरुद विधानसभा की खासियत ये है कि यहां की जनता बीजेपी और कांग्रेस को बराबर का मौका देती आई है. यहां हुए कुल 14 चुनाव में 8 बार बीजेपी और 6 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की हैं. 1962, 1972 और 1977 में यशवन्त राव मेघावाले विधायक बने, लेकिन उन्हें 1967 और 1980 में हार का सामना भी करना पड़ा. वर्ष 1998 और 2003 में यहां से अजय चंद्राकर विधायक बने, लेकिन उन्हें भी 2008 में लेखराम साहू से हार का सामना करना पड़ा।
2018 में चुनावी परिणाम
2018 विधानसभा चुनाव में अजय चन्द्राकर एक बार फिर चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. : अजय चंद्रकार को बीते चुनाव में 72922 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस से बागी रहे नीलम चन्द्राकर को 60605 वोट मिले. वहीं कांग्रेस पिछले चुनाव में यहां तीसरे नंबर पर सिमट कर रह गई. कांग्रेस के लक्ष्मीकांत साहू को 26483 मिले थे।
कुरुद विधानसभा की समस्याएं और मुद्दे
कुरुद में कृषि, बेरोजगारी, महानदी पर अवैध खनन, स्वास्थ्य सुविधा और भ्रष्टाचार जैसे मुददे हावी हैं. लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है. लगातार डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को धमतरी या फिर रायपुर रिफर कर दिया जाता है. जो इस बार चुनावी मुददे हो सकते हैं. क्षेत्र की रेत खदानों में अवैध उत्खनन का मुद्दा चुनावी मुददा हो सकता है।
बीजेपी पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर
अजय चंद्राकर वर्ष 2003 से 2008 तक और वर्ष 2013 से 2018 तक वे कैबिनेट मंत्री रहे. इस 10 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने कुरूद नगर में अनेक विकास कार्य किए. पुल-पुलियों और सड़कों का जाल बिछाया केन्द्रीय विद्यालय खुलवाया. कुरुद से विशाखापट्टनम तक सड़क की बड़ी परियोजना को मूर्त रूप दिया।
कांग्रेस नेत्री तारिणी चंद्राकर के बारे में आप जानते हैं ये बातें ?
कांग्रेस ने कुरूद विधानसभा से तारिणी चंद्राकर को टिकट दी है. तारिणी चंद्राकर वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस सचिव, गरियाबंद जिला महिला कांग्रेस कमेटी के जिला प्रभारी और जिला पंचायत सदस्य, सभापति हैं. उन्होंने B.Com में स्नातक और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है. उनका जन्म 26 सितंबर 1976 में हुआ है. वे राजीव गांधी पंचायती राज के पूर्व संयोजक एवं कुरुद मंडी अध्यक्ष है. तारिणी चंद्राकर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मगरलोड क्षेत्र से की. 2019 में कृषि विभाग की सभापति एवं महिला कांग्रेस की जिला उपाध्यक्ष रही।
प्रदेश की नजर इस सीट पर टिकी रहती है
कुरुद विधानसभा सीट शुरू से ही हाईप्रोफाइल रही है. इस सीट पर प्रदेश की नजर टिकी रहती है. इस बार भी कुरुद का चुनावी संग्राम दिलचस्प हो सकता है. वहीं चंद्राकर की सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल रहेगी. हालांकि इस सीट पर कब्जा वापस पाने भाजपा कोई कसर नही छोड़ेगी।