MP में यूरिया संकट पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को घेरा, कहा- 'बोरी पर माननीय की फोटो..'
एमपी में पीएम की फोटो वाले यूरिया बैग के वितरण पर रोक लगा दी गई है. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा है.
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में यूरिया संकट को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना आरोप लगाया है कि यूरिया की बोरियों पर ‘माननीय’ की फोटो होने के कारण चुनाव आयोग ने उनके वितरण पर रोक लगा दी है. है। फोटो क्यों पोस्ट की गई? क्या यूरिया पर भी प्रचार जरूरी था? दरअसल, राज्य के कई इलाकों में यूरिया का गंभीर संकट है. प्रदेश भर से खबरें आ रही हैं कि किसान सुबह से ही सरकारी गोदामों में लाइन लगाकर यूरिया लेने की कोशिश कर रहे हैं |
मध्य प्रदेश में यूरिया संकट की एक बड़ी वजह
चुनाव आयोग का वह आदेश है जिसमें उसने प्रधानमंत्री की फोटो वाली यूरिया की थैलियों के वितरण पर रोक लगा दी है. अब इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस महासचिव और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखाबैग पर “माननीय” की फोटो होने के कारण चुनाव आयोग ने इसके वितरण पर रोक लगा दी है. फोटो क्यों पोस्ट की गई? क्या यूरिया पर भी प्रचार जरूरी था?
मप्र में किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। जो यूरिया स्टॉक में है, वो भी बंट नहीं रहा है। खबरों के अनुसार इसकी एक वजह यह भी है कि यूरिया के बोरे पर “माननीय” की फोटो होने के चलते चुनाव आयोग ने वितरण पर रोक लगा दी है। आख़िर क्यों लगाई गई फोटो? यूरिया… pic.twitter.com/9yPRmnzvWA
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 10, 2023
कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर लगाया आरोप
प्रियंका गांधी ने आगे एक दोहा उद्धृत करते हुए लिखा, ‘हुजूर का शोक समात रहे शहर हैं और बचे’ और लिखा कि जब तक चुनाव खत्म होंगे, तब तक गेहूं की बुआई का मौसम भी बीत चुका होगा. क्या देश की राजनीति की हालत इतनी खराब हो गई है कि कुछ नेताओं की चमकने की चाहत खेती को बर्बाद करने की कीमत पर भी पूरी होगी? वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ ने भी यूरिया संकट के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराया है |
राज्य में उर्वरक संकट चरम पर- कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राज्य में उर्वरक संकट चरम पर है
पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी खाद की बोरियां लेने के लिए रात-रात भर कतार में खड़ा रहना पड़ता है। यह सीएम शिवराज का 18 साल का मॉडल है, जिसमें किसानों को न खाद मिलती है, न बीज, न फसल का सही दाम और अगर वे अपनी मांग लेकर आगे आएं तो मंदसौर में गोली चलवा दी जाती है।
कमल नाथ ने आगे लिखा कि मध्य प्रदेश में
हर साल जब भी किसी किसान को खाद की जरूरत होती है तो ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं. यानी संकट सिर्फ खाद का नहीं, बल्कि शिवराज सरकार की मंशा का है. मध्य प्रदेश की जनता को सच्चाई समझनी चाहिए और जानबूझकर किसानों को परेशान करने वाली ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने में तेजी दिखानी चाहिए |