छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को खल रही अनुभवी नेताओं की कमी? हार के बाद बढ़ी नेता प्रतिपक्ष बनाने की टेंशन, इन नामों पर चर्चा
विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने बड़ी बाजी मारते हुए 54 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं 35 सीटों पर कांग्रेस जीती है. ऐसे में अब कांग्रेस के पास अनुभवी चेहरों की कमी है
रायपुर : छतीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है. बीजेपी ने जहां 54 सीटों पर परचम लहराया है. वहीं, पांच साल से सत्ता में रही कांग्रेस अब केवल 35 सीटों पर सिमट कर रह गई है. एक तरफ जहां बीजेपी में सीएम चेहरे को लेकर कई बीजेपी कई नामों पर विचार मंथन कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का चेहरा नहीं मिल रहा है. इसको लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं क्योंकि कांग्रेस के पास गिनती के अनुभवी चेहरे ही बचे हैं.
इस चुनाव में 35 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस के 14 विधायक तो ऐसे हैं जो पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं. वहीं बाकी 21 विधायकों में ज्यादातर दूसरी बार विधानसभा पहुंचने वाले हैं. यानी कुल मिलाकर विपक्ष के पास गिनती के अनुभवी चेहरे बचे हैं. इनमें भी कोई बड़ा वक्ता नहीं है. पहला नाम तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का है. दूसरे नंबर पर नाम आता है विधानसभा अध्यक्ष रहे डॉ. चरणदास महंत का. इनके अलावा पूर्व मंत्री उमेश पटेल, पूर्व मंत्री कवासी लखमा और लखेश्वर बघेल के नाम शामिल है.
नेता प्रतिपक्ष के लिए एग्रेसिव नेता की तलाश
नेता प्रतिपक्ष के लिए के लिए कांग्रेस को एग्रेसिव नेता की तलाश है. क्योंकि अगर डॉ. चरणदास महंत का को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है तो उनका शांत स्वभाव इस पद के लिए फिट नहीं है. इसके अलावा उमेश पटेल केवल विधानसभा तक ही फिट रहे और कवासी लखमा के बयान अक्सर चर्चाओं में रहे है. इस वजह से कांग्रेस के पास अब केवल पूर्व सीएम भूपेश बघेल और लखेश्वर बघेल का ही विकल्प बचा है. ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस अब किसे नेता प्रतिपक्ष बनाती है.
जल्द हो सकता है नेता प्रतिपक्ष का फैसला
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर महीने के दौरान ही होता है. तो ऐसे में अब चर्चा हो रही है कि शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस अपना नेता चुन लेगी. उससे पहले कांग्रेस में समीक्षा का दौर चलने वाला है