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सूबे के नये मुखिया मोहन की ताजपोशी टीम में धुरन्धर होंगे शामिल

मध्यप्रदेश राज्य के सूबे के नए मुखिया के तौर पर डॉ मोहन यादव की ताजपोशी और दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को बनाये जाने की गणित कारगर तो होगी

भोपाल: मध्यप्रदेश राज्य के सूबे के नए मुखिया के तौर पर डॉ मोहन यादव की ताजपोशी और दो डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को बनाये जाने की गणित कारगर तो होगी,लेकिन अभी लोकसभा की चुनौती और उससे पहले लोकसभा छोड़ कर बतौर विधायक अपने सदन में बैठने वाले दिग्गजों को साधना भी मोहन यादव के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

इन चुनोतियों को जानते हुए भी अपने अडिग फैसले के साथ

बीजेपी ने फिर वही किया जो वो हमेशा से करती आई है। अपने हर फैसले से राजनीतिक गलियारों व विश्लेषकों को चौंका देना। मोदी, शाह की जोड़ी की करिश्माई हुनर का यही अंदाज रहा है और मध्यप्रदेश में ये हुनर साबित कर गया कि मोदी है तो मुमकिन है और वही हुआ भी है।

मध्यप्रदेश में पर्यवेक्षक आए

विधायक दल की बैठक शुरू हुई। तब उम्मीद की जा रही थी , कि पुराने किसी चर्चित नाम का ऐलान हो, लेकिन जो हुआ वो लोगों की उम्मीद से बिलकुल उलट था। तीन बार विधानसभा का चुनाव जीते मोहन यादव को शिवराज सिंह चौहान की कुर्सी सौंप दी गई और उनसे कहीं ज्यादा वरिष्ठ दो विधायकों को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है।साथ ही काफी अनुभवी धुरंधरों की फौज उनके साथ शामिल होकर उनका सहयोग करेगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।

बीजेपी की इस पसंद का सियासी समीकरण काफी गहरा है

जिसका एक सबसे बड़ा फैक्टर है संघ से मोहन का करीबी होना।
मोहन यादव संघ के करीबी और पुराने कर्मठ कार्यकर्ताओं में से एक हैं। जो संघ के प्रमुख नेताओं में शामिल भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी के बेहद करीबी माने जाते हैं। मोहन यादव की ससुराल राजगढ़ होने से इस नाते सुरेश सोनी से उनके घनिष्ठ संबंध रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान से भी उनका पुराना लंबा नाता रहा है। इसके अलावा पार्टी प्रमुख यानी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके पारिवारिक संबंध रहे हैं।

साल 2000 से उनका सफर बीजेपी के साथ शुरू हुआ।

जब वो नगर जिला महामंत्री बने। 2004 में उन्हें प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनने का मौका मिला। 2004 से 2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहें। अलग-अलग पदों पर रहते हुए मोहन यादव हमेशा ही उज्जैन के विकास के लिए लगे रहे। जिसकी वजह से उन्हें अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो ने महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन ने सम्मानित भी किया। मध्यप्रदेश में पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहते हुए पर्यटन विकास के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी पुरस्कार दिया। साल 2013, 2018 और 2023 में मोहन यादव विधायक का चुनाव जीते और अब प्रदेश की कमान उनके हाथ है। उम्मीद यही जताई जा रही है कि अपनी बाकी उपलब्धियों की तरह वो इस पद पर रहते हुए भी ऐसे ही कामों को अंजाम देंगे।

India Edge News Desk

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