Mahadev Satta App: रवि उप्पल को भारत लाने का रास्ता साफ, दुबई में इंटरपोल के हत्थे चढ़े महादेव बेटिंग एप के संचालक को बुधवार न्यायाधीश ने दी मंजूरी..
ईडी मामले में इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के कारण रवि उप्पल दुबई की इस जेल में हिरासत में है। नियमों के मुताबिक, भारतीय दूतावास को 60 दिनों के भीतर दुबई कोर्ट को संतुष्ट करके प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
Mahadev Satta App,रायपुर: दुबई में इंटरपोल द्वारा गिरफ्तार किए गए महादेव बेटिंग ऐप संचालक सौरभ चंद्राकर के सहयोगी रवि उप्पल को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष प्रत्यर्पण आवेदन दायर किया गया था, जिसे न्यायाधीश ने बुधवार को स्वीकार कर लिया और मंजूरी दे दी. अब ईडी रवि उप्पल से जुड़े सभी दस्तावेज दूतावास भेजने की तैयारी में जुट गई है.
ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने कहा कि महादेव बेटिंग सट्टा ऐप के मुख्य प्रमोटरों में से एक रवि उप्पल को भारत लाने के प्रयास में महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है. ईडी की विशेष अदालत ने रवि को प्रत्यर्पण के तहत भारत लाने के लिए दुबई की सक्षम अदालत को अनुरोध पत्र जारी किया है।
रवि पिछले 32 दिनों से दुबई की जेल में बंद हैं
ईडी मामले में इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के चलते रवि उप्पल दुबई की इस जेल में हिरासत में हैं. नियमों के मुताबिक, भारतीय दूतावास को 60 दिनों के भीतर दुबई कोर्ट को संतुष्ट करके प्रत्यर्पण प्रक्रिया पूरी करनी होगी। रवि पिछले 32 दिनों से दुबई की जेल में बंद हैं। लंबे समय से रवि उप्पल को दुबई से भारत लाने की अहम कानूनी औपचारिकता पूरी करने की कोशिश कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी को सफलता मिल गई है।
19 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय की है
डॉ. पांडे ने बताया कि कोर्ट ने पीएसएलए की धारा 59 के तहत प्रत्यर्पण की अर्जी स्वीकार कर ली है. अरबी लिपि में लिखे दस्तावेजों की प्रति विशेष अदालत में पेश की गई है. अदालत ने दुबई स्थित सक्षम अदालत को प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पत्र जारी किया है। डॉ. पांडे ने बताया कि बुधवार को कोर्ट ने इस मामले में ईडी की दलीलें सुनीं और 19 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय की है.
अब ये होगी प्रक्रिया
ईडी इस पूरे कानूनी रिकॉर्ड को विदेश मंत्रालय को सौंपेगा, जो इसे दुबई में भारतीय उच्चायोग को सौंपेगा। भारतीय उच्चायोग उसे दुबई की सक्षम अदालत के सामने पेश करेगा, जिसके बाद दुबई की अदालत प्रत्यर्पण के लिए कानूनी सहमति देगी.