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75th Republic Day: कर्तव्य पथ पर दिखी छत्‍तीसगढ़ की झांकी, मुरिया दरबार बनी आकर्षण का केंद्र दर्शकों का मन मोह लिया

नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल छत्तीसगढ़ की झांकी "बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार ने दर्शकों का मन मोह लिया

नई दिल्ली, 75th Republic Day: नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई छत्तीसगढ़ की झांकी, “बस्तर के आदिम जन संसद मुरिया दरबार ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस मनमोहक झांकी को जिसने भी देखा, बस देखता ही रह गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री, देश के कई शीर्ष लोग दर्शक दीर्घा में नरेंद्र मोदी समेत खास मेहमान और आम नागरिक मौजूद थे. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी खास तौर पर मौजूद थे |

छत्तीसगढ़ की झांकी ने कर्तव्य पथ पर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सबका दिल जीत लिया

आज 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बस्तर के आदिम लोक संसद की थीम पर केन्द्रित छत्तीसगढ़ की झांकी ने कर्तव्य पथ पर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सबका दिल जीत लिया। झांकी में जगदलपुर के मुरिया दरबार और बड़े डोंगर के लिमाऊ राजा को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया।

कर्तव्य पथ पर राज्यों की झांकियों की परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी छठे स्थान पर रही

उद्घोषणा में जब आदिवासी समाज में प्राचीन काल से मौजूद लोकतांत्रिक चेतना और विषय वस्तु की प्राचीनता के बारे में बताया गया तो श्रोताओं की उत्सुकता बढ़ गई।उन्होंने तालियां बजाकर सराहना की. झांकी के सामने छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने मांदर की थाप और बांसुरी की धुन पर परब नृत्य किया. छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी है’ पर आधारित है। ‘बस्तर की आदिम लोक संसद मुरिया दरबार’ थीम पर आधारित झांकी में आदिवासी समाज की सांस्कृतिक सुंदरता और कलात्मकता का भी प्रदर्शन किया गया।

मुरिया दरबार विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा परंपरा

600 वर्षों से जारी है मुरिया दरबार विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा परंपरा है, जो 600 वर्षों से अधिक समय से जारी है। कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमाऊ-राजा नामक स्थान पर भी आदिम लोकतांत्रिक चेतना के प्रमाण मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोक कथा के अनुसार आदिम काल में जब कोई राजा नहीं होता था तो आदिम समाज नींबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में निर्णय लेते थे।

राज्य सरकार ने राज्य की इस झांकी के विषय का चयन और प्रस्तुतिकरण की जिम्मेदारी जनसंपर्क विभाग को दी थी. विषयों पर व्यापक शोध और जांच के बाद वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में झांकी तैयार की गई थी। छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी है’ पर आधारित थी।

यह झांकी आदिवासी समाज में प्राचीन काल से मौजूद लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है,

जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवित और प्रचलित है। इस झाँकी में केन्द्रीय विषय “आदिम जन संसद” के अंतर्गत जगदलपुर के “मुरिया दरबार” एवं कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर स्थित “लिमाऊ-राजा” को दर्शाया गया था। झांकी प्रदर्शन के दौरान छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने कर्तव्य पथ पर परब नृत्य भी प्रस्तुत किया।

India Edge News Desk

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