CG Budget Session 2024: “PDS में गड़बड़ी की जांच सदन की जांच समिति करेगी, विधायकों के सवाल पर खाद्य मंत्री ने स्वीकारा,
विधानसभा में आज खाद्य मंत्री अपनी ही पार्टी के विधायकों के सवालों का सामना करते दिखे. विधानसभा में आज पीडीएस की जांच का मुद्दा खूब गरमाया
रायपुर,Budget Session 2024: विधानसभा में आज खाद्य मंत्री अपनी ही पार्टी के विधायकों के सवालों का सामना करते दिखे. विधानसभा में आज पीडीएस की जांच का मुद्दा खूब गरमाया. प्रश्नकाल शुरू होते ही बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने पीडीएस में अनियमितता का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि पीडीएस दुकानों में अनियमितता की जांच के निर्देश दिये गये हैं. लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है |
लंबी बहस और पार्टी विधायकों की नाराजगी के बाद
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने माना कि चावल वितरण में अनियमितता हुई है. इसके बाद सरकार सदन की एक समिति से जांच कराने पर सहमत हुई. संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पीडीएस गड़बड़ी की जांच सदन की कमेटी करेगी |
इससे पहले मंत्री पर भड़के कौशिक
इससे पहले मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि अनियमितताएं हुई हैं. इस पर धरमलाल कौशिक ने चिल्लाते हुए कहा कि जब अनियमितता हुई है तो कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. विधायक अजय चंद्राकर ने भी कहा कि कृपया बताएं कार्रवाई कब होगी |
मंत्री जी से पूछना चाहता हूं, क्या कार्रवाई हुई’
धरमलाल कौशिक ने कहा कि, 24 मार्च 2023 को पूरी जानकारी देने की बात की गई थी। अब मैं माननीय मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि 2024 मार्च 2023 की स्थिति में जो परीक्षण किया गया, उसमें कितने में अनियमितता पाई गई, कितने सस्पेंड किए गए, कितने फिट किए गए और कितना शॉर्टेज मिला?
धरमलाल कौशिक ने कहा कि अगर 24 तक जवाब नहीं दिया गया और हाउस में कमिटमेंट मंत्री का हो और आसान डी का निर्देश हो। निर्देश का पालन नहीं हो तो क्या विधानसभा का अवमानना का मामला नहीं है?
इन मुद्दों को विधानसभा में उठाएगी कांग्रेस
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी। बैठक के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि, ये बात सामने आई है कि किसान आज भुगतान के लिए परेशान हैं। टोकन नहीं मिला तो समय पर धान नहीं बेच सके। अभी भी कई किसान हैं, जिनको धान बेचने का मौका नहीं मिला।
बघेल ने आगे कहा कि, लगातार जो वनों की कटाई हो रही है,
चाहे वह सीतानदी अभयारण्य की बात हो, उदंती अभयारण्य की बात हो, चाहे हसदेव की बात हो। आदिवासी मुख्यमंत्री होते हुए जंगलों की जो भारी कटाई हो रही है। इसे लेकर विधायक दल के साथियों ने चिंता व्यक्त की है।
उसी प्रकार से प्रदेश में कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। नक्सली लगातार घटनाएं कर रहे हैं। हमले हो रहे हैं, 6 माह के बच्चे क्रॉस फायरिंग में मारे गए। चरणदास महंत के निर्देश पर अलग-अलग दिन स्थगन, ध्यान-आकर्षण के माध्यम से इन मुद्दों को उठाया जाएगा। विधायकों के जो प्रश्न आए हैं उन पर भी चर्चा हुई कि हम उन्हें किस प्रकार से उठाया जाए।