लोकसभा चुनाव से ठीक पहले US और भारत के राजनयिक रिश्‍तों में तनातनी बढ़ी

वॉशिंगटन
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अमेरिका और भारत के राजनयिक रिश्‍तों में तनातनी बढ़ती दिख रही है। सीएए के बाद अब अमेरिका ने केजरीवाल और कांग्रेस के फ्रीज हुए बैंक खातों का मुद्दा उठाया है। भारत ने अमेरिका के इन बयानों पर करारा जवाब दिया है और राजनयिक को तलबकर अपनी आपत्ति जताई है। इससे पहले अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि भारत के साथ चाहे कितनी भी करीबी हो लेकिन हम 'सिद्धांत' को नहीं छोड़ सकते हैं। इस बीच भारत ने इन बयानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए साफ कह दिया है कि अमेरिका को दूसरों की संप्रभुता का सम्‍मान करना होगा। इस बढ़ी हुई तनातनी के बीच विशेषज्ञों ने अमेरिका को फटकार लगाई है और कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध के समय दी गई धमकी वाली गलती को फिर से दोहरा रहा है।

सामरिक मामलों के चर्चित भारतीय विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने ट्वीट करके कहा, 'टीम बाइडन ने अभी तक नहीं सीखा है कि किस तरह से ग्‍लोबल साउथ के साथ आक्रामक नहीं होना है और उन्‍हें नीचा दिखाने से बचना है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चल रहा विवाद इसका केवल एक उदाहरण भर है। साल 2022 में अमेरिका ने बहुत भद्दे तरीके से भारत को धमकी दी थी कि अगर नई दिल्‍ली ने यूक्रेन युद्ध में उनका पक्ष नहीं लिया तो 'कीमत और परिणाम' चुकाने होंगे।' बता दें कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका ने भारत को कई बार धमकी दी कि वह रूस के साथ रिश्‍ता तोड़ दे।

कांग्रेस के फ्रीज बैंक खातों पर क्‍या बोला अमेरिका

इसके जवाब में भारत ने अमेरिका को जमकर सुनाया था और रूस के रिश्‍ते तथा मजबूत कर लिए थे। भारत और रूस के बीच रेकॉर्ड व्‍यापार हुआ है और यह लगातार बढ़ रहा है। भारत इस धमकी को लगातार खारिज कर रहा है। अमेरिका और भारत के बीच ताजा विवाद सीएए को लेकर शुरू हुआ और अब कांग्रेस के फ्रीज खातों तक पहुंच गया है। अमेरिका ने केजरीवाल मामले में निष्‍पक्ष, पारदर्शी, समयबद्ध प्रक्रिया की मांग की है। अमेरिका ने कहा कि वह केजरीवाल के मामले की करीबी निगरानी जारी रखेगा। अमेरिका ने कहा कि वह कांग्रेस के बैंक खातों को फ्रीज करने के आरोप से अवगत है। इससे उन्‍हें आने वाले समय में लोकसभा चुनाव प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

इससे पहले भारत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर की गई टिप्पणी पर विरोध दर्ज कराने के लिए एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया था जिसके बाद अमेरिका ने बुधवार को कहा कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी, समयबद्ध कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है और ''हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए।' अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित इन कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे।'' मिलर ने कहा, 'हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि कर अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है कि आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। हम इनमें से प्रत्येक मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं।'

भारत को नहीं होनी चाहिए आपत्ति, बोला अमेरिका

मिलर ने कहा, ''आपके पहले प्रश्न के संबंध में, मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं, लेकिन निश्चित रूप से, हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने यहां से कहा है, कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए। यही बात हम निजी तौर पर स्पष्ट कर देंगे।'' भारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी की टिप्पणी को लेकर बुधवार को अमेरिका की एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

India Edge News Desk

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