अपराधियों को ऐसी सजा दे और पेपरलीक से जुड़े मामलों का इतना कड़ा प्रावधान करे कि पेपर लीक माफियाओं में डर बैठ जाए : भजनलाल शर्मा

जयपुर
युवा परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। वे महीनों तक तैयारी करते हैं। रात-दिन पढ़ाई करत हैं और परीक्षा के लिए खुद को तैयार करते हैं। लेकिन अचानक पेपर लीक होता है और परीक्षा रद्द या स्थगित हो जाती है। युवाओं को फिर से तैयारी करनी पड़ती है, जो उनके लिए मानसिक रूप से बहुत परेशान करने वाला होत है। इस वजह से उन्हें अपनी नौकरी या शिक्षा के अवसरों के बारे में अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। युवाओं को लगता है कि सिस्टम में गड़बड़ है और कुछ लोग अनुचित लाभ उठाने के लिए नियमों को तोड़ रहे हैं। इससे उनमें निराशा और गुस्सा पैदा होता है। उस समय सरकार का ये दायित्व बनता है कि वह युवाओं के टूटते मनोबल को संभालते हुए उनके अपराधियों को ऐसी सजा दे और पेपरलीक से जुड़े मामलों का इतना कड़ा प्रावधान करे कि पेपर लीक माफियाओं में डर बैठ जाए।

युवाओं की बने आवाज
राजस्थान में पिछली सरकार के कार्यकाल में 17 परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाते हैं और गहलोत सरकार सिर्फ अपने मंत्रियों और अधिकारियों की संलिप्तता को बचाते हुए युवाओं के हकों से कुठाराघात करती रह जाती है। न पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसता है, ना पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवाओं की सुनवाई ही होती है। यहां तक कि उस समय विपक्ष में रही बीजेपी को पेपर लीक का मुद्दा उठाने पर चुनाव चमकाने की जुगत के आरोपों से घेर दिया जाता है। युवा ठगा हुआ, विपक्ष गुस्से से भरा हुआ रह जाता है लेकिन गहलोत सिस्टम की अराजकता के आगे किसी की कुछ नहीं चल पाती।

वादा निभाने वाले मुख्यमंत्री
बीजेपी फिर युवाओं से एक वादा करती है कि चुनाव जीतने के बाद वह पेपर लीक के दानव को जड़ से उखाड़ने का काम करेगी और फिर एंट्री होती है नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की, जो अपने पद की शपथ लेते ही शुरुआती फैसले राज्य के नौजवानों के हित में कर के उनके हीरो बन जाते हैं। भजन लाल ना सिर्फ पेपर लीक के खिलाफ एसआईटी का गठन करते हैं बल्कि अपने शासन के पहले ही महीने में दो-दो भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट होने से बचाते हुए उनका सफल संचालन भी करते हैं। वे युवाओं की उस निराशा और हताशा पर मरहम लगाते हैं जो उनकी उम्मीदें और सपने तोड़ रही थी।

राजस्थान में राम राज
अब राजस्थान में पेपर तो होते हैं लेकिन आउट नहीं होते। अब राजस्थान में परीक्षार्थी पेपर लीक की चिंता से दूर अपने भविष्य के सपनों में मगन हो कर तसल्ली की नींद सो पाते हैं। राजस्थान में राम राज्य की स्थापना करते हुए मुख्यमंत्री अपनी युवा पीढ़ी के दिलों पर छा जाते हैं और अपनी डाउन टू अर्थ व सहज अप्रोच से युवाओं के मार्गदर्शक और दोस्त बनकर दिखाते हैं। वे उनके लिए सुशासन के उदाहरण बनते हैं, न्याय के रखवाले बनते हैं। वे ऐसे नेता के तौर पर उभरते हैं जो कि अपने प्रदेश के युवाओं को न केवल सुरक्षित भविष्य दे रहा है बल्कि उनकी रोजगार के लिए भी कई अहम फैसले ले रहा है।

India Edge News Desk

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