कैग ने कॉर्बेट में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज मांगे
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
ऋषिकेश : कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ व लैंसडाउन वन प्रभाग में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए कैग ने उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। दोनों वन प्रभागों में विभिन्न मदों से दिए गए करोड़ों रुपए की धनराशि का हिसाब किताब नहीं मिलने के बाद सिंघल ने स्वयं शासन को पत्र लिखकर इनकी कैग जांच करवाने का अनुरोध किया था। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए कैग को पत्र भेजा था। कैग ने अब मामले में जांच शुरू करने के लिए अधिकारी से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं।
सिंघल ने बताया कि दोनों वन प्रभागों को प्रतिपूरक वनीकरण निधि (कैंपा) तथा अन्य मदों से करोड़ों रुपए का बजट दिया गया। लेकिन उनका उपयोग स्वीकृत कार्य में नहीं किया गया और इसलिए उसका लेखाजोखा नहीं मिला। निलंबित वनाधिकारी किसनचन्द ने कैंपा के 1.43 करोड़ रुपये का कथित दुरुपयोग करते हुए स्वीकृत कार्य की बजाय इससे एयरकंडीशनर तथा फ्रिज खरीद लिए जिसपर वन विभाग के तत्कालीन प्रमुख से लेकर तत्कालीन वन्यजीव प्रतिपालक ने भी ध्यान नहीं दिया।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग के निलंबित तत्कालीन वन प्रभागीय अधिकारी किसनचन्द के कार्यकाल की अभी तक हुई जांचों में बड़े पैमाने पर धांधलियों का खुलासा हुआ है। पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने मामले की जांच की, जिसके बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर इसकी जांच करवाई। अन्ततः मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा, जहां उसकी केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की जांच चल रही है। वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के दोनों वन प्रभागों की गड़बड़ियों के कथित आरोपी, रेंजर बृज बिहारी शर्मा, किसनचन्द व तत्कालीन वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग निलंबित चल रहे हैं जबकि इनके अलावा कई आला वनाधिकारियों से भी शासन ने जबाब तलब किया है। इन अधिकारियों पर भी दंडात्मक कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
(जी.एन.एस)