सूर्यकुमार यादव ने कहा- खुद को बेहतर बनाने के लिए करनी पड़ी कड़ी मेहनत

मुंबई
भारत और मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने बुधवार को बताया कि वह पिछले तीन महीनों में तीन अलग-अलग चोट से जूझ रहे हैं लेकिन ‘उबाऊ' रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजरने के बाद उन्होंने खुद को ‘बेहतर' बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। दुनिया के नंबर एक टी20 बल्लेबाज ने पिछले सप्ताह चोट से उबर कर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में वापसी की थी। उन्होंने बताया कि वह ‘स्पोर्ट्स हर्निया' के अलावा टखने और दाहिने घुटने में चोट की समस्या का भी सामना कर रहे थे। ‘स्पोर्ट्स हार्निया' से उबरने के लिए उन्हें सर्जरी करानी पड़ी।

यादव ने आईपीएल की ओर से जारी एक वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे एक साथ दो-तीन अलग-अलग चोट का सामना करना पड़ा। स्पोर्ट्स हर्निया, टखना और फिर दायां घुटना। मुझे एक समय में एक कदम उठाना था, छोटी-छोटी चीजों का पालन करना था और आज मैं मैदान पर आकर वास्तव में खुश हूं।' इस 33 साल के बल्लेबाज ने कहा कि उनके लिए चोट से उबरने की प्रक्रिया काफी उबाऊ थी लेकिन उन्होंने इस समय का पूरा फायदा उठाने की सोची।

उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए पिछले तीन या साढ़े तीन महीने के बारे में बात करना काफी मुश्किल है। शुरुआती दो तीन सप्ताह में यह परेशान करने वाला था क्योंकि मुझे लगता था कि रिहैबिलिटेशन में एक ही चीज बार-बार कर रहा हूं।' सूर्यकुमार यादव ने कहा, ‘‘ चौथे-पांचवें सप्ताह से मुझे लगा कि भविष्य के लिए यह जरूरी है।' उन्होंने कहा कि इस दौरान पत्नी के साथ बातचीत ने उनका नजरिया बदला।

इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा, ‘जब मैंने पत्नी और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी  (एनसीए) के लोगों से बात की, तो उन्होंने कहा कि आपको खुद में बदलाव लाना होगा, जब आप मैदान पर वापस आएंगे तो आपको थोड़ा अलग होना होगा। मैंने समय पर सोने, बेहतर आहार लेने जैसी सभी छोटी चीजें करना शुरू कर दिया।  यह सबसे महत्वपूर्ण था।' सूर्यकुमार ने कहा कि खेल से दूर रहने से उन्हें उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली जिन्हें उन्होंने नजरअंदाज कर दिया था और इससे उन्हें तेजी से ठीक होने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी में कभी किताब नहीं बढ़ी थी और अब मैंने पढ़ना शुरू कर दिया है। मैंने सुबह जल्दी उठने और फिर रिहैबिलिटेशन केंद्र में समय देने के साथ अपनी नियंत्रण वाले चीजों पर ध्यान देना शुरू कर दिया।' दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैं खुद को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया। जब मैं चोटिल हुआ था तब मुझे एहसास हुआ कि वे कौन सी चीजें थीं जिन पर मैं काम करना चाहता था। मुझे फिटनेस और अपने शरीर पर भी काम करने के लिए दो-तीन महीने मिले।'

सूर्यकुमार यादव ने इस मौके पर बेंगलुरु स्थित एनसीए के कोच और कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में एनसीए के सहयोगी स्टाफ, प्रशिक्षकों से लेकर फिजियो तक सभी का आभारी हूं, जिन्होंने मेरी देखभाल की। शुरुआती कुछ दिनों में मुझे चीजें ठीक नहीं लग रही थी लेकिन फिर उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और अच्छी तरह समझ गए कि मैं कैसे काम करना चाहता हूं।

India Edge News Desk

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