न्यायालय ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में उमर अंसारी को जमानत दी

न्यायालय ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में उमर अंसारी को जमानत दी

गुजरात: आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में भाजपा के पूर्व सांसद, छह अन्य बरी

कर्नाटक : यौन शोषण की पीड़ितों के लिए एसआईटी ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
नई दिल्ली

 उच्चतम न्यायालय ने दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज एक आपराधिक मामले में सोमवार को जमानत दे दी।

यह मामला आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन का है।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने उमर से मामले के सिलसिले में निचली अदालत में पेश होने को कहा।

शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को उमर को मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

इस संबंध में चार मार्च, 2022 को मऊ जिले के कोतवाली थाने में अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी प्रत्याशी), उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

प्राथमिकी में आरोप था कि तीन मार्च, 2022 को पहाड़पुरा मैदान में एक जनसभा में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और मंसूर अहमद अंसारी ने मऊ प्रशासन से ‘हिसाब बराबर करने का’ आह्वान किया था। प्राथमिकी के अनुसार, यह आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है।

जेल में बंद कुख्यात अपराधी और नेता मुख्तार अंसारी का गत 28 मार्च को प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

गुजरात: आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में भाजपा के पूर्व सांसद, छह अन्य बरी

अहमदाबाद
गुजरात उच्च न्यायालय ने 2010 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी और छह अन्य की अपील सोमवार को स्वीकार कर ली।

न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया और न्यायमूर्ति विमल के व्यास की खंडपीठ ने सीबीआई अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उपरोक्त सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

उच्च न्यायालय ने गौर किया कि निचली अदालत ने ‘‘दोषी ठहराने की पूर्व निर्धारित धारणा’’ के साथ कार्यवाही की और प्रतीत होता है कि अपराध को लेकर की गई जांच में शुरुआत से ही ‘‘सावधानी नहीं बरती गई तथा यह पूर्वाग्रहपूर्ण है।’’

उच्च न्यायालय परिसर के बाहर 20 जुलाई 2010 को जेठवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

सोलंकी और छह अन्य को हत्या तथा आपराधिक साजिश के मामले में 2019 में सीबीआई अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 15 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया था।

उच्च न्यायालय ने बाद में दीनू सोलंकी और इस मामले में दोषी ठहराए गए उनके भतीजे की आजीवन कारावास की सजा पर रोक लगा दी थी।

उच्च न्यायालय ने मामले के मुख्य आरोपी दीनू सोलंकी और छह अन्य की अपील को सोमवार को स्वीकार कर लिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाने वाले सीबीआई अदालत के आदेश को रद्द कर दिया।

सीबीआई अदालत द्वारा सात जून 2019 को दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ दीनू सोलंकी ने याचिका दायर की थी जिसके बाद सितंबर 2021 में उच्च न्यायालय ने अपील के लंबित रहने तक सोलंकी की सजा पर रोक लगा दी थी।

पिछले साल, उच्च न्यायालय ने उनके भतीजे शिवा सोलंकी की आजीवन कारावास की सजा पर भी रोक लगा दी थी और सीबीआई अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई होने तक उन्हें जमानत दे दी थी।

आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी मांगकर कथित तौर पर दीनू सोलंकी की संलिप्तता वाली अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने की कोशिश के बाद 20 जुलाई 2010 को गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर जेठवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इसके बाद दो अज्ञात हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच राज्य पुलिस के आपराधिक अन्वेषण विभाग (सीआईडी) को सौंप दी गई। सीआईडी ने इस मामले में आरोपपत्र दायर किया।

सितंबर 2012 में उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई अदालत ने सात जून 2019 को सातों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

कर्नाटक : यौन शोषण की पीड़ितों के लिए एसआईटी ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

बेंगलुरु

हासन से जनता दल (एस) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिसके माध्यम से पीड़ित उससे संपर्क कर सकते हैं।

एसआईटी प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बी के सिंह ने एक बयान में कहा कि हेल्पलाइन नंबर पर पीड़ित फोन कर सकते हैं।

सिंह ने कहा कि पीड़ितों को एसआईटी कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि टीम उन्हें राहत देने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क करेगी।

एसआईटी ने लोगों को चेतावनी दी कि रेवन्ना द्वारा महिलाओं के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ करने वाले वीडियो वे सोशल मीडिया या व्यक्तिगत मैसेंजर एप्लिकेशनों पर साझा न करें।

सिंह ने कहा, ‘मैसेंजर सेवाओं पर इन वीडियो को साझा करने वालों का पता लगाना आसान है, और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वीडियो साझा करने से पीड़ितों की प्रतिष्ठा और सम्मान को नुकसान होगा।

प्रज्वल हासन लोकसभा सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। वे जद (एस)-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था। जद (एस) पिछले साल सितंबर में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया था।

बताया जाता है कि प्रज्वल ने मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़ दिया था। उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है।

प्रज्वल के खिलाफ बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए हैं। उनके पिता और विधायक एचडी रेवन्ना को एक महिला का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। महिला का प्रज्वल ने कथित तौर पर यौन शोषण किया था।

India Edge News Desk

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