जोधपुर एम्स में 39 दिन के एक नवजात में कोरोना के लक्षण, एनआईसीयू में भर्ती

जोधपुर

प्रदेश में रविवार को कोरोना के तीन नए केस सामने आए हैं, जिनमें सबसे चौंकाने वाला मामला जोधपुर एम्स से सामने आया है। यहां 39 दिन का एक नवजात कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिसका जन्म 16 अप्रैल को हुआ था। फिलहाल नवजात को एम्स के एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। नवजात के माता-पिता नागौर जिले के डीडवाना कस्बे के निवासी हैं।

जानकारी के मुताबिक रविवार को जोधपुर एम्स में भर्ती नवजात के अलावा उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज में एक युवक और जयपुर में अजमेर के केकड़ी निवासी 68 वर्षीय बुजुर्ग की रिपोर्ट भी कोविड पॉजिटिव पाई गई है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि राज्य में कोविड का खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। प्रदेश में बीते चार माह और 25 दिनों के भीतर अब तक कुल 15 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें फलौदी, बीकानेर और सवाई माधोपुर से एक-एक केस, कुचामन, अजमेर और जोधपुर से दो-दो केस तथा जयपुर और उदयपुर से तीन-तीन मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।

जोधपुर एम्स में अभी तक कुल पांच कोविड पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें से अधिकतर सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती थे। चिंता की बात यह है कि नवजात शिशु का जन्म ही एम्स में हुआ था और जन्म के बाद से ही उसे एनआईसीयू में रखा गया था। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि संक्रमण नवजात तक कैसे पहुंचा? इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। वहीं बाकी चार मरीजों की ट्रेवल या कॉन्टेक्ट हिस्ट्री भी फिलहाल अस्पष्ट है।

स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में विशेषज्ञों की बैठक हुई थी, जिसमें मौजूदा संक्रमण को ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1 से जुड़ा बताया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वैरिएंट घातक नहीं है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। मरीज सामान्य लक्षणों के साथ डॉक्टर से परामर्श लेकर रूटीन दवाइयों से ठीक हो सकते हैं।

गौरतलब है कि JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन से विकसित हुआ है और इसे दिसंबर 2023 में WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। यह वैरिएंट तेजी से फैलता है लेकिन गंभीर लक्षण कम दिखाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि कोविड के लक्षण कई दिनों या हफ्तों तक बने रहें तो वह  लॉन्ग कोविड की स्थिति हो सकती है। ऐसे मामलों में विशेष निगरानी और देखभाल की आवश्यकता होती है।

भले ही कोविड का यह नया वैरिएंट ज्यादा खतरनाक न हो लेकिन राज्य में एक बार फिर से इसके मामले सामने आना सतर्कता बरतने की जरूरत को रेखांकित करता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संक्रमण की चेन को समझने और नियंत्रण की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button