स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर किया जा रहा है सशक्त: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के सशक्त निर्देशन में मध्यप्रदेश सरकार पूरी ताकत से स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर बनाने, जरूरी स्टाफ और अत्याधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुटी है, जिससे राज्य के हर कोने में लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। सरकार का लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश देश में उत्कृष्ट स्वास्थ्य मानकों वाला राज्य बने और आने वाले समय में प्रमुख मेडिकल हब के रूप में भी विकसित हो।

मध्यप्रदेश सरकार उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं को राज्य के हर नागरिक तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी अधिक सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मरीजों की आर्थिक चिंता को कम करने के उद्देश्य से, हाल ही में शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क दवाओं और चिकित्सकीय जांच सुविधाओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है।

मध्यप्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि राज्य के हर कोने में उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हों, जिससे हर नागरिक को बिना किसी बाधा के इलाज की सुविधाएं मिल सकें। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ज़िला चिकित्सालय स्तर की सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना विकास के साथ विशेषज्ञों की उपलब्धता के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

निःशुल्क दवाओं की उपलब्धता में बढ़ोतरी

राज्य के शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध दवाओं की संख्या को बढ़ाया गया है। पहले जिला अस्पतालों में 295 प्रकार की दवाएं उपलब्ध थीं, जिन्हें बढ़ाकर अब 530 कर दिया गया है। सिविल अस्पतालों में भी दवाओं की संख्या को 270 से बढ़ाकर 448 किया गया है, वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 253 से बढ़ाकर 373 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 299 प्रकार की दवाएं निःशुल्क दी जा रही हैं। उप स्वास्थ्य केंद्रों में अब 126 प्रकार की दवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं की प्राप्ति के लिए सहजता में वृद्धि हुई है।

चिकित्सकीय जांच सुविधाओं का विस्तार

मरीजों को बेहतर जांच सेवाएं देने के उद्देश्य से शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क जांचों की संख्या में इजाफा किया गया है। अब जिला चिकित्सालयों और सिविल अस्पतालों में 132 प्रकार की जांचें और सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80 प्रकार की जांचें उपलब्ध हैं। पूरे प्रदेश में 324 हब और 1610 स्पोक स्थापित किए गए हैं, जहां प्रतिदिन हजारों जांचें की जा रही हैं। जिला स्तर पर प्रतिदिन 35,000 से अधिक जांचें की जाती हैं, जबकि हब और स्पोक पर 32,000 से अधिक जांचें हो रही हैं।

विगत 3 वर्षो में 7 लाख से अधिक सी.टी. स्कैन कर मरीजों को किया गया लाभान्वित

प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों और चिन्हित सिविल अस्पतालों में पीपीपी मोड के तहत सीटी स्कैन सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जिनसे रोज़ाना 1600 से अधिक मरीज लाभान्वित हो रहे हैं। विगत 3 वर्षो में 7 लाख से अधिक सी.टी. स्कैन कर मरीजों को लाभान्वित किया गया है। प्रदेश की कुल 64 स्वास्थ्य संस्थाओं में 300 डायलिसिस मशीनों के द्वारा डायलिसिस सेवा दी जा रही है, औसतन 6-7 डायलिसिस प्रति दिन के मान से हो रहे हैं। प्रदेश की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं में 700 से अधिक सामान्य एक्स-रे मशीन तथा तथा 300 से अधिक सोनोग्राफी मशीन के द्वारा रोगियों की निःशुल्क जाँच कर उपचार प्रदान किया जा रहा है।

 

India Edge News Desk

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