दक्षिण कोरिया में महिलाओं का एक समूह जो शादी नहीं करना चाहता उनका मानना है कि शादी एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है

नई दिल्ली 
दुनिया के कई हिस्सों में जहाँ आज भी कम उम्र में लड़कियों की शादी कर दी जाती है वहीं कुछ ऐसे देश भी हैं जहाँ महिलाएँ अपनी मर्जी से शादी नहीं कर रही हैं. पिछले कुछ सालों में ऐसे कई आंदोलन देखने को मिले हैं जैसे दक्षिण कोरिया में महिलाओं का एक समूह जो शादी नहीं करना चाहता उनका मानना है कि शादी एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है और वे अपनी आजादी को प्राथमिकता देती हैं. पुरुषों का बढ़ता हिंसात्मक रवैया भी ऐसी महिलाओं को शादी न करने का एक विकल्प देता है.

लेकिन यह बात सिर्फ दक्षिण कोरिया तक सीमित नहीं है. मुस्लिम देशों में भी बड़ी संख्या में ऐसी लड़कियाँ हैं जिन्होंने अभी तक शादी नहीं की है और इसके पीछे कई जटिल कारण हैं.

किस मुस्लिम देश में हैं सबसे ज़्यादा कुंवारी लड़कियाँ?
एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार गल्फ रीजन को मिलाकर पूरे अरब में करीब 25 मिलियन (2.5 करोड़) ऐसी लड़कियाँ हैं जिनकी उम्र 24 साल से ज़्यादा है और उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है. इस संख्या में कुछ ऐसी महिलाएँ भी शामिल थीं जिनकी उम्र 35 साल पार कर चुकी थी.
 
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र (Egypt) इस सूची में सबसे ऊपर है जहाँ अकेले एक तिहाई यानी 9 मिलियन (90 लाख) स्पिनस्टर्स की संख्या है. स्पिनस्टर उस महिला को कहा जाता है जिसने कभी शादी नहीं की हो खासकर जब उसकी उम्र विवाह की पारंपरिक उम्र से अधिक हो गई हो.

मिस्र के बाद दूसरे नंबर पर अल्जीरिया आता है जहाँ कुंवारी लड़कियों की संख्या करीब 4 मिलियन (40 लाख) है. इराक में यह संख्या 3 मिलियन (30 लाख) और यमन में करीब 2 लाख के आसपास है. इसके अलावा सूडान, ट्यूनीशिया और सऊदी अरब में यह संख्या 1.5 लाख के आसपास है. आपको बता दें कि यह रिसर्च साल 2010 में कुवैत के न्यूजपेपर अलराई की तरफ से की गई थी जिसमें यह आँकड़ा सामने आया था.

लिस्ट में अन्य देश और बदलते सामाजिक समीकरण
इस लिस्ट में सीरिया और लेबनान का नाम भी शामिल है जहाँ कुंवारी महिलाओं की संख्या क्रमशः 70,000 और 45,000 के आसपास है. रिसर्च में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जॉर्डन में महिलाओं की शादी की औसत उम्र 30 साल से बढ़कर 32 साल हो गई है जो दिखाता है कि समाज में कुछ बदलाव आ रहे हैं.

महिलाएँ क्यों नहीं कर रही हैं शादी?
महिलाओं के शादी न करने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं जिनमें प्रमुख हैं:
➤ उच्च शिक्षा और करियर को प्राथमिकता: अब महिलाएँ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और अपने करियर को पहली प्राथमिकता दे रही हैं. वे तब तक शादी न करने का फैसला ले रही हैं जब तक वे नौकरी न कर लें और खुद को आर्थिक रूप से व्यवस्थित न कर लें.

➤ शादी का महंगा होना: कई मुस्लिम देशों में शादी करना बेहद महंगा हो गया है. दहेज, महंगे उपहार और रिसेप्शन जैसे खर्च आम बात हैं जो शादी को एक बड़ा आर्थिक बोझ बना देते हैं खासकर पुरुषों के लिए.

ये कारण दर्शाते हैं कि कैसे सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आकांक्षाएँ मुस्लिम समाजों में भी विवाह के पारंपरिक प्रतिमानों को बदल रही हैं.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button