एक शर्मनाक तस्वीर ने जिला अस्पताल की कलई खोल के रख दी, एंबुलेंस न देने पर पिता को अपने कंधे पर उठाकर घर ले जाने पर मजबूर
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
गोंडा।मुख्यालय स्थित बाबू ईश्वर शरण सिंह जिला चिकित्सालय से आई एक शर्मनाक तस्वीर ने जिला अस्पताल की कलई खोल के रख दी है। जहाँ अपने बीमार पिता को इलाज के लिये लाये एक युवक को उसके पिता को घर वापस ले जाने हेतु एंबुलेंस न देने पर पिता को अपने कंधे पर उठाकर घर ले जाने पर मजबूर होना पड़ा।
मिली जानकारी के मुताबिक कर्नलगंज तहसील के हलधरमऊ ब्लाक निवासी शिव भगवान अपने 70 वर्षीय पिता जीवबोध को खांसी व सांस लेने में हो रही परेशानी की हालत में सीएचसी में भर्ती कराया था। करीब 4 दिनों तक इलाज होने के बावजूद भी कोई आराम न मिलने पर सीएचसी के अधीक्षक ने जीवबोध को गोंडा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। बीते 24 मई को शिव भगवान ने अपने पिता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि वहां पर वार्ड में तैनात नर्स द्वारा फाइल बनाने के नाम पर एक सौ रुपए की मांग की गई।
उसने बताया कि,रुपया न होने के कारण उसके पिता को डेंगू वार्ड में डाल दिया गया। इस दौरान नर्स ने उसे बाहर से 2 इंजेक्शन मंगाने के लिए कहा तो उसने किसी तरह 590 रुपए के 2 इंजेक्शन बाहर से लाकर दिया। युवक ने बताया कि , 2 दिनों में सिर्फ वही दो इंजेक्शन लगाकर अस्पताल से उसके पिता को कोई भी दवा नहीं दी गई। पिता की हालत अत्यधिक नाजुक होने पर उसने कहा कि साहब जब इलाज नहीं हो रहा है, तो मेरे पिताजी को एंबुलेंस से घर भिजवा दीजिए तो अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि, एंबुलेंस सिर्फ मरीजों को लाती है और वापस छोड़ने नहीं जाती है। उनकी यह बातें सुनकर मायूस हो भगवान ने अपने पिता को कंधे पर उठाकर 30 किमी. करनैलगंज स्थित अपने घर ले जाने पर मजबूर हुआ। बहरहाल जब मामला मीडिया द्वारा प्रकाश में आया तो कुछ लोगों ने एक आटो में बिठा कर उसे उसके घर पहुँचाया। हालांकि जब इस संबंध में जब अस्पताल की सीएमएस इंदूबाला से बात की गई तो वह गोल-मोल जवाब देतीं नजर आईं।
यह मामला मीडिया में वायरल होने पर जिलाधिकारी डाक्टर उज्वल कुमार ने सीएमएस से इस प्रकरण में आख्या मांगी है।
(जी.एन.एस)