राजस्थान में 500 करोड़ की बिजली खरीदने के बाद भी बेहाली, 2000 मेगावाट का अभी भी शोर्टेज

जयपुर.

राजस्थान की गर्मी इन दिनों देश में सबसे टॉप पर चल रही है, इसी के साथ बिजली की खपत भी पीक पर पहुंची है। पिछले साल के मुकाबले इस बार बिजली की डिमांड में 15 फीसदी इजाफा हुआ है। मई के पहले सप्ताह में ही बिजली की मांग में 20 प्रतिशत से अधिक का उछाल देखा गया। सप्लाई लोड बढ़ने की वजह से कई थर्मल यूनिट ठप हो गईं। शाम 6 से रात 10 बजे तक लगभग 2000 मेगावाट की कमी से जूझ रहा है विभाग।

ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मई के महीने में बिजली की खपत पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में औसतन 15 फीसदी बढ़ गई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक तापमान में और बढ़ोतरी होने की संभावना जताई है, इसे देखते हुए राजस्थान की विद्युत खपत में भी आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। इन सबके बीच प्रदेश में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले चार और निजी स्वामित्व वाले दो थर्मल स्टेशनों के अचानक ठप होने से 1400 मेगावाट (140 लाख यूनिट) तक बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मई में 16963 मेगावाट की उच्चतम खपत दर्ज की गई है, जो कि उत्पादन से 2000 मेगावाट कम  है,  पिछले साल की इसी अवधि में एक दिन की अधिकतम खपत 2621.62 लाख यूनिट थी, जो मौजूदा डिमांड से 23.37 फीसदी कम थी।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। रात में बिजली की मांग बढ़ जाती है, ऐसे में शाम के समय में राजस्थान में पवन ऊर्जा का उपयोग भी किया जा रहा है। इसके अलावा मांग को पूरा करने के लिए नेशनल पॉवर एक्सचेंज से बिजली भी खरीद रहे हैं। ऊर्जा विभाग के चेयरमैन भानुप्रताप एटरू का कहना है कि इस समय पूरे देश में ही ऊर्जा की खपत बढ़ी हुई है इसलिए नेशनल पॉवर एक्सचेंज में ऊंची दरों पर भी बिजली खरीद में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि 10 रुपए यूनिट में भी बिजली खरीदने पर नहीं मिल रही। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक मांग आपूर्ति से आगे नहीं बढ़ी है इसलिए राज्य में बिजली कटौती भी नहीं हो रही है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रात के समय शाम 7 से 11 बजे के बीच जब मांग चरम पर होती है, आपूर्ति को प्रबंधित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शेडिंग की जा रही है।

अधिकारी ने कहा कि विभाग बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ओपन ऐक्सिस से मई में 500 करोड़ की बिजली खरीद चुका है। लू और बढ़ते तापमान को लेकर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि राजस्थान में मई के दौरान तापमान तीव्र होता है और इस साल अप्रैल में भी कुछ स्थानों पर तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

India Edge News Desk

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