आरोपों में घिरे दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को हाईकोर्ट से राहत

नोएडा
नोएडा की कोतवाली फेज-वन क्षेत्र में पंप कर्मियों पर जानलेवा हमला, लूट का प्रयास और एससी/एसटी समेत कई आरोपों में घिरे दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने तीनों आरोपितों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यानि अब नोएडा अदालत के आदेश के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। इसकी पुष्टी नोएडा जोन के डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने की है। नोएडा पुलिस फरार चल रहे विधायक, उनके पुत्र अनस और अबु बकर की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रही थी।

दिल्ली (Delhi News) की ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान और उनके पुत्र समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप है कि सेक्टर-95 स्थित शहीद रामेंद्र प्रताप सिंह के फिलिंग स्टेशन पर 7 मई की सुबह विधायक का बेटा अनस अपनी कार लेकर पहुंचा। उसने लाइन में न लगकर बोला कि आगे वाली गाड़ी को आगे बढ़ाकर मेरे गाड़ी में पहले तेल भर दो। इस पर सेल्समैन ने कहा कि आप लाइन में हैं अभी आपकी गाड़ी में तेल भर जाएगा। इसी दौरान अनस और उसकी कार में बैठे अन्य लड़कों ने मारपीट की। इसके बाद अमानतुल्लाह खान खुद पहुंचे और मैनेजर को धमकाया। इस घटना के वीडियो सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गए और इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गए। इस मामले में पुलिस ने विधायक अमानतुल्लाह खान के मैनेजर इकरार अहमद को गिरफ्तार कर लिया था। इकरार मूलरूप से जिला हापुड़ के सिंभावली का रहने वाला है। वह वर्तमान में शाहीन बाग में रहता है।

20 दिन पहले जारी किया था एनबीडब्ल्यू
कोर्ट ने करीब एक माह पहले विधायक अमानतुल्लाह खान, पुत्र अनस और अबु बकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके अलावा दिल्ली स्थित घर समेत सभी संभावित स्थान पर दबिश दी रही थी। इसी बीच कोर्ट जिला में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद अमानतुल्लाह खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि विधायक अमानतुल्लाह खान समेत तीन आरोपितों की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। अदालत के आदेश का पालन किया जाएगा।

पुलिस ने बढ़ाईं थीं गंभीर धाराएं
पुलिस (Noida Police) ने शुरुआत में शिकायत के आधार पर मामूली धाराओं 323, 504, 506 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन विवेचना के दौरान साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कई धाराएं बढ़ाई गई थीं। इनमें धारा 147, 149, 452, 307, 394, 34 व 3(2)(v) एससी/एसटी एक्ट की वृद्धि की गई थी। इसके तहत पुलिस कार्रवाई कर रही है।

India Edge News Desk

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