उद्योग फ्रेंडली नीतियों और नवाचार से मिलेगा निवेश को विस्तार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश और रणनीतिक नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में आगे बढ़ रहा है। इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट न सिर्फ अपनी भव्यता बल्कि गहरे रणनीतिक बदलावों और नए औद्योगिक विज़न से भी चर्चा में है। भोपाल, जो अब तक प्रशासनिक और सांस्कृतिक रूप से पहचाना जाता था, अब निवेश और व्यापार का नया ग्लोबल पॉइंट ऑफ इंटरेस्ट बनने जा रहा है। झीलों की नगरी भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है। भोपाल का आकर्षण और राज्य सरकार की सहज एवं पारदर्शी उद्योग फ्रेंडली नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।

नवाचारों का केन्द्र बनेगा जीआईएस
इस वर्ष के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को ‘पॉलिसी-ड्रिवन इन्वेस्टमेंट समिट’ का नया मॉडल दिया गया है। पहली बार, सरकार 20 से अधिक नीतियों को एकसाथ प्रस्तुत कर रही है, जिससे निवेशकों को हर सेक्टर के लिए स्पष्ट रणनीति और अवसर मिलेंगे। अब इन्वेस्टर्स को केवल संभावनाएँ नहीं, बल्कि सरकार की ठोस योजनाओं और तत्काल प्रभावी पॉलिसी सपोर्ट का भरोसा मिलेगा।

इस बार का GIS पारंपरिक कॉन्फ्रेंस से आगे बढ़कर "फोकस्ड इन्वेस्टमेंट डिस्कशन" का मंच बनने जा रहा है। यानी, आईटी, टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटोमोबाइल, ईवी, अक्षय ऊर्जा जैसे हर सेक्टर के लिए अलग सत्र होंगे, जहां इंडस्ट्री लीडर्स और सरकार के बीच प्रत्यक्ष संवाद और सेक्टर-केंद्रित समझौते होंगे। समिट में पहली बार 'इंडस्ट्रियल एक्सपो' और 'मेक इन एमपी' का संयोजन किया गया है, जहां प्रदेश की औद्योगिक ताकत, विनिर्माण क्षमता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसकी स्थिति को प्रस्तुत किया जाएगा।

जीरो अपशिष्ट समिट
जीआईएस-2025 को 'जीरो अपशिष्ट' समिट बनाने की रणनीति तैयार हो चुकी है। समिट स्थल पर केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग होगा, आयोजन स्थल 100% अक्षय ऊर्जा से संचालित होगा और पूरे समिट में पेपरलेस ऑपरेशंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड इंटरेक्शन और डिजिटल टेक्नोलॉजी का समावेश होगा।

औद्योगिक राजधानी के रूप में नई पहचान
भोपाल को पहली बार औद्योगिक राजधानी के रूप में नई पहचान मिलने जा रही है। यह आयोजन प्रदेश की नई इंडस्ट्रियल जर्नी की आधारशिला साबित होगा। समिट न केवल बड़े निवेशकों के लिए बल्कि माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) और स्टार्टअप्स के लिए भी एक बड़ा अवसर लेकर आ रही है। प्रदेश के स्थानीय उद्यमों को वैश्विक निवेशकों और तकनीकी साझेदारों के साथ जोड़ने की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे इनका विस्तार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक होगा।

राजधानी के चारों ओर फैले औद्योगिक क्षेत्रों—मंडीदीप, गोविंदपुरा, बागरोदा, पिलुखेड़ी और अन्य औद्योगिक हब को इस समिट से नए निवेश, नई टेक्नोलॉजी और ग्लोबल टाई-अप्स का फायदा मिलेगा। जीआईएस-2025 केवल निवेश ही नहीं, बल्कि युवाओं को रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के अवसर देने वाला मंच भी साबित होगा। इस समिट में आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में नई नौकरियों के अवसर पैदा करने वाले एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे।

औद्योगिक क्रांति का केन्द्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अब केवल 'संभावनाओं का प्रदेश' नहीं, बल्कि 'औद्योगिक क्रांति का अगला केंद्र' बन चुका है। GIS 2025 के मंच से प्रदेश की आर्थिक शक्ति, नीति-संवर्धित औद्योगिक मॉडल और वैश्विक निवेश के प्रति प्रतिबद्धता पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत होगी। भोपाल अब सिर्फ मध्यप्रदेश की राजधानी नहीं, बल्कि भारत के नए औद्योगिक भविष्य का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है। जीआईएस-2025 इसी परिवर्तन की मजबूत नींव रखने जा रहा है।

India Edge News Desk

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