प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का बिगड़ना तय, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं 10 हजार डॉक्टर

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
भोपाल : एक सप्ताह बाद सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज सहित अन्य विभागों के करीब 10 हजार डॉक्टरों ने एक बार फिर तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं, जिसमें नर्सिंग स्टाफ भी उनका समर्थन करेगा, ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का बिगड़ना तय है। खास बात यह है कि इस साल भी डॉक्टर मरीजों को हड़ताल से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। राज्य के डॉक्टर अपनी मांगों को पूरा न करने से सरकार से खफा हैं। डॉक्टरों ने प्रशासनिक हस्तक्षेप बंद करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, सातवें वेतन आयोग जैसी मांगों को नहीं माने जाने पर एक बार फिर तीन मई से हड़ताल पर जाने की इच्छा जताई है।
हालत यह है कि हमीदिया अस्पताल के कई डॉक्टर ओपीडी के पर्चे में हड़ताल की तारीख लिख रहे हैं। साथ ही अस्पताल में कई जगहों पर हड़ताल से जुड़े बैनर भी लगाए गए हैं। बता दें, पिछले हफ्ते डॉक्टर्स फेडरेशन और राज्य के विभागीय अधिकारियों की औचक बैठक हुई थी। इस मुलाकात के दौरान अधिकारियों ने डॉक्टरों की मांगों को मानने से इनकार कर दिया। मांगें खारिज होने के बाद अधिकारियों पर डॉक्टरों से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए महासंघ ने तीन मई से प्रदेश भर में आंदोलन और हड़ताल करने का फैसला किया है। महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा कि अधिकारियों ने पिछली बैठक में किए गए समझौते और वादों को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर आदेश देने में शासकीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं, ऐसे में महासंघ ने पुन: विरोध करने का निर्णय लिया है।
आर्थिक बोझ की कोई बात नहीं है। डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) को लेकर पिछली निर्णायक बैठक में सहमति बनी थी। इससे डॉक्टरों के सामने विडंबना की स्थिति पैदा हो गई है। जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के दरवाजों पर पोस्टर चिपकाए गए थे जिसमें लिखा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपना वादा याद रखें। डॉक्टर ने कहा कि सभी डॉक्टर एक मई से अपने-अपने जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में आंदोलन करेंगे और तीन मई से सभी चिकित्सा कार्य, ओपीडी, आईपीडी, ऑपरेशन और पोस्टमॉर्टम पूरी तरह ठप रहेंगे।