आखिर कैसे मिली निर्धन परिवार के अनीश को धड़कनें?
अनिल कुमार शाक्य
कम पढ़े-लिखे और बेहद निर्धन परिवार के लिए यह बहुत मुश्किल हो जाता है जब उन्हें पता चलता है कि उनके लाडले मासूम बच्चे को हृदय रोग है। वाकई यह बेहद विकट स्थिति होती है और वे चाहकर भी महंगा इलाज करवाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत ऐसे लाखों लोगों को निःशुल्क उपचार व राहत मिल रही है। ऐसा ही एक मामला पदमपुर तहसील के गांव 56 एलएनपी का है, जहां चिरंजीवी योजना व आरबीएसके दोनों के जरिए बच्चे को निःशुल्क उपचार मिला।
सीएमएचओ डॉ. मनमोहन गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पदमपुर खण्ड की टीम बी ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियमित स्क्रीनिंग के दौरान गांव 56 एलएनपी निवासी कालूराम के पुत्र अनीश की जांच की। इसमें सामने आया कि बच्चे को हृदय रोग है। इस पर बच्चे को जिला अस्पताल स्थित डीईआईसी में डॉ. पवन शर्मा के पास भेजा गया। जहां उन्होंने बच्चे की स्थानीय निजी हॉस्पिटल में इको जांच करवाई, जिसमें रोग की पुख्ता पुष्टि हुई।
इसके बाद टीम में शामिल डॉ. निशा शर्मा, डॉ. जितेंद्र पायल, एएनएम सुमन लता व फार्मासिस्ट हर्ष नारंग ने परिजनों से संपर्क कर उन्हें रोग की गंभीरता से अवगत करवाया। टीम ने देखा कि परिवार बेहद निर्धन है, माता-पिता भेड़ें चराने का काम करते हैं, एक कच्चे मकान में रहते है और उनकी कोई निर्धारित आय नहीं है। जिस कारण परिवार ने ऑपरेशन के लिए असहमति व्यक्त की।
टीम ने परिजनों को समझाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जयपुर के प्रतिष्ठित निजी हॉस्पिटल में निःशुल्क ऑपरेशन हो जाएगा और कोई भी शुल्क नहीं लगेगा। परिजनों को समझाने में गांव की आशा सहयोगिनी कृष्णादेवी ने अहम भूमिका निभाई, जिस पर परिजन सहमत हुए। इसके बाद चिरंजीवी योजना में जयपुर के इंडस हॉस्पिटल में बच्चे का सफल व निःशुल्क ऑपरेशन हुआ और सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में अनीश को छुट्टी दे दी गई। अनीश अब स्वस्थ है। पिता कालूराम व दादी बार-बार दुआ करते हुए राज्य सरकार का आभार जताते नहीं थकते। वहीं अपील भी करते हैं कि वे परिवार, जिन्होंने अब तक योजना में पंजीकरण नहीं करवाया हैं वे तत्काल पंजीकरण करवाएं ताकि आपात स्थिति में राहत मिल सके।