कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह के बाद अब उनके पिता बीरेंद्र सिंह ने भी भाजपा का साथ छोड़ा

नई दिल्ली
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा को छोड़कर विपक्षी दल कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह के बाद अब उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने भी सत्तारूढ़ भाजपा का साथ छोड़ दिया है और कांग्रेस का हाथ थामने का  ऐलान कर दिया है। राज्य में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने दावा किया कि जब वह कांग्रेस में शामिल होंगे तो उनके साथ हरियाणा के दो मौजूदा विधायक भी कांग्रेस में शामिल होंगे। लेकिन ये विधायक कौन होंगे, इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार कर दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके कांग्रेस में शामिल होने की तिथि और स्थान के बारे में निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा। जननायक जनता पार्टी (जजपा) पर निशाना साधते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा जिसे चाहेगी उसे ही जजपा लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तैयारी के साथ लड़ेगी तो ना केवल लोकसभा बल्कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भी भाजपा को हरा देगी। सूत्रों के अनुसार सिंह के शामिल होने की घोषणा संभवत: मंगलवार को की जाएगी। पिछले महीने हिसार सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा और लोकसभा की सांसदी दोनों से इस्तीफा देकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। पिता-पुत्र की जोड़ी कई मुद्दों पर भाजपा के रुख को चुनौती दे चुके हैं।

2020 में कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों का दोनों ने पक्ष लिया था। दोनों नेताओं ने उन पहलवानों के प्रति भी एकजुटता व्यक्त की थी, जिन्होंने यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद हिसार सांसद ने कहा था कि भाजपा का दुष्यन्त चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला भी उनके पार्टी छोड़ने का एक कारण था। 2019 के लोकसभा चुनावों में बृजेंद्र ने चौटाला को दो लाख से अधिक वोटों से हराया था। तब भाजपा ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव में जेजेपी प्रमुख दुष्यंत ने बृजेंद्र की मां प्रेम लता को उचाना कलां से 40,000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया था। विधानसभा चुनावों के बाद, भाजपा ने जेजेपी के साथ गठबंधन भी कर लिया था। इस कदम से सिंह परिवार हाशिए पर चला गया था और हिसार संसदीय सीट पर दानेदारी भी कमजोर पड़ रही थी क्योंकि हिसार के पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने भी 2023 में भाजपा का दामन थाम लिया था।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में आए 1998 बैच के आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह जब 2019 में हिसार से सांसद चुने गए, तब उनतके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने 2020 में उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, दोनों इंडिया अलायंस का हिस्सा हैं। हरियाणा में दोनों दल एक गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे। दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के मुताबिक, आप कुरूक्षेत्र में चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस राज्य की बाकी नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्य में 25 मई को एक ही चरण में मतदान होगा। नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

 

India Edge News Desk

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