नवीनीकरण के बाद जलियांवाला बाग में बढ़ रहे हैं सैलानी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
अमृतसर : 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन जलियांवाला बाग में हुई भारी गोलीबारी दौरान बड़ी संख्या में भारतीय शहीद हो गए थे। 13 अप्रैल 1919 को घटे जलियांवाला बाग शौर्यगाथा की आज 103वीं बरसी मनाई जा रही है। जलियांवाला बाग को राष्ट्रीय स्मारक ऐलाने जाने के बाद यह पहली बार हुआ कि बाग में आने वाले दर्शकों की संख्या में विस्तार देखने को मिला। इतना ही नहीं शहीदी कुएं में लोगों की तरफ से चढ़ाए जाने वाले चढ़ावे में भी इस बार 800 गुणा विस्तार हुआ है।
देश की आज़ादी के बाद इस बाग़ को शहीदी स्मारक खुले आम गया है। 1960 से इस के रख -रखा का काम शुरू कर दिया गया था। कुछ काम वीं वर्हेगंढ मौके किये गए। इस के बाद 1994 में वीं वर्हेगंढ पर इस को सही ढंग के साथ संभाला गया। 2019 में शताबदी के मौके पर 20 करोड़ की लागत के साथ इस का नवीनीकरन किया गया था।
जलियांवाला बाग के प्रबंधकों अनुसार नवीनीकरण से पहले रोजाना 20 से 25 हजार के करीब सैलानी बाग में आते थे। वर्तमान के दिनों में यह संख्या अब 90 हजार तक पहुंच रही है। बाग के प्रबंधकों अनुसार पहले बाग के कुएं में से एक महीने में 105 रुपए चढ़ते थे। वर्चुअल उद्घाटन के बाद, नवंबर 2021 से मार्च 2022 तक कुएं से 4 लाख रुपए निकाले गए हैं। यानि हर महीने लगभग 80,000 रुपए की रकम बरामद हो रही है।
(जी.एन.एस)