कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्रवेश लेने के बाद नई ऊंचाईयां छूने की ओर अग्रसर है गुड्डी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नागौर : राजस्थान के नागौर जिले के रूण गांव की बालिका गुड्डी चौहान को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय योजना (केजीबीवी) का साथ इस कदर भाया है कि वह सफलता के आसमां में हौसलों की ऊंची उड़ान भर रही है। एक साधारण किसान परिवार में पांच भाई-बहिनों में लाडली गुड्डी चौहान बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। एक समय ऐसा था, जब आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार गुड्डी की शिक्षा को आगे जारी नहीं रखने की बेबसी से दो-चार था। पढ़-लिखकर जीवन में कुछ कर गुजरने के गुड्डी के अरमानों पर पानी फिरने की नौबत आ पहुंची थी, मगर इसी बीच कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय योजना‘ उसके जीवन में बदलाव की सौगात लेकर आई और देखते ही देखते उसका भाग्य पलट गया। रूण (मूण्डवा) गांव की श्रीमती सुशीला देवी एवं श्री श्रवण कुमार चौहान की यह लाडली बेटी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्रवेश लेने के बाद अपने हुनर से निरंतर नई ऊंचाईयां छूने की ओर अग्रसर है।

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, रूण (मूण्डवा) में प्रवेश मिलने के बाद गुड्डी बहुत खुश है और वह यहां के आदर्श माहौल और सुविधाओं के बीच कई तरह के नवाचारों और अन्य गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग ले रही है। गुड्डी के मन में आम लोगों के जीवन को आसान बनाने और दैनिक जीवन में समय की बचत की दिशा में कुछ नया करने की हूक है।कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में खुले आसमां तले उसकी यह सोच परवान चढ़ रही है। हाल ही में गुड्डी का नॉमिनेशन राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित इंस्पायर अवार्ड के लिए हुआ है। गुड्डी ने अपने प्रोजेक्ट में छोटे साइज के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार करने का आइडिया सुझाया है, जो कोविड जैसी महामारी के समय ऑक्सीजन सिलेंडर्स की कमी के हालात में बड़ा उपयोगी माना गया। नागौर में जिला स्तरीय कमेटी द्वारा इस आईडिया को सराहा गया और फिर इसे इंस्पायर अवार्ड के लिए भेजा गया। गुड्डी का कहना है कि ऐसे छोटे-छोटे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स कोविड जैसी महामारी में काफी उपयोगी साबित हो सकते है। गुड्डी बताती है कि इंस्पायर अवार्ड के लिए अपना प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए रिया के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की साइंस टीचर सुनीता कुमारी यादव ने उसको गाइडेंस और प्रोत्साहन देते हुए प्रेरित किया।

उल्लेखनीय है कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवसीय विद्यालय योजना का उद्देश्य वंचित वर्ग की उन बालिकाओं को विद्यालय से जोड़ना है, जो कठिन परिस्थितियों और दुर्गमवास स्थलों में रहते हुए किसी सामाजिक या पारिवारिक कारण से विद्यालय नही जा सकी अथवा जिनकी आयु कक्षा में अध्ययनरत बालिकाओं से अधिक हो चुकी है। केजीबीवी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक तथा बीपीएल परिवारों की बालिकाओं के लिए विद्यालयों में अध्ययन की सुविधा के साथ ही निःशुल्क आवासीय सुविधा भी दी जाती है। राजस्थान में वर्तमान में 319 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में 41 हजार से अधिक बालिकाएं नामांकित है। केजीबीवी में सभी बालिकाओं के लिए निःशुल्क शिक्षा, भोजन एवं सुरक्षित आवास व्यवस्था उपलब्ध है। इसके अलावा पुस्तकें, शिक्षण सामग्री एवं अन्य दैनिक उपयोगी वस्तुएं भी मुहैया कराई जाती है। साथ ही इन विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं को प्रतिमाह 150 रुपये की स्टाइपेंड राशि भी दी जाती है।

India Edge News Desk

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