PNB के राहत के बाद अब कई बड़े सरकारी बैंक अपने ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की शर्त से छूट दे रहे

नई दिल्ली 
बैंक सेविंग अकाउंट रखने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। PNB के राहत के बाद अब कई बड़े सरकारी बैंक अपने ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की शर्त से छूट दे रहे हैं। इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जिनकी आय सीमित है या जिनका बैंकिंग लेनदेन कम होता है। अगर आपके खाते में तय राशि से कम पैसा है, तो आप पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
 
क्या था न्यूनतम बैलेंस का नियम?
बैंकों द्वारा सेविंग अकाउंट्स के लिए एक न्यूनतम राशि निर्धारित की जाती थी, जिसे खाताधारकों को हर वक्त अपने खाते में बनाए रखना होता था। यदि ग्राहक का बैलेंस तय सीमा से नीचे चला जाता, तो उस पर जुर्माना (penalty charges) लगाया जाता था। यह नियम मेट्रो, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के हिसाब से भिन्न होता था।

किन बैंकों ने हटाई न्यूनतम बैलेंस की शर्त?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
    प्रभावी तिथि: 11 मार्च 2020 (पहले से लागू)
    घोषणा: सभी सेविंग्स खातों के लिए AMB की अनिवार्यता समाप्त।
    पहले की स्थिति: ₹5 से ₹15 तक का जुर्माना और टैक्स लगता था।

इंडियन बैंक
    प्रभावी तिथि: 7 जुलाई 2025
    नया नियम: सभी सेविंग अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस चार्ज पूरी तरह समाप्त
    बैंक का उद्देश्य: “ग्राहक-केंद्रित पहल” और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।

पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
    प्रभावी तिथि: 1 जुलाई 2025
    नया नियम: न्यूनतम औसत बैलेंस न रखने पर अब कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
 
केनरा बैंक
    प्रभावी तिथि: 1 जून 2025
    प्रभावित अकाउंट्स:
    सामान्य सेविंग अकाउंट
    सैलरी अकाउंट

एनआरआई अकाउंट
    सीनियर सिटीजन और स्टूडेंट अकाउंट
    घोषणा: “नो पेनल्टी बैंकिंग” की दिशा में कदम।

ग्राहकों को क्या फायदा?
    लो-बैलेंस पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी
    छोटे खाताधारकों को राहत, खासकर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लिए
    बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुंच, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा

 

India Edge News Desk

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