राजस्थान-जयपुर के सरस मेले में पहुंचे कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री, ‘ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में अहम योगदान’

जयपुर।

कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा जवाहर कला केंद्र जयपुर में संचालित सरस राजसखी मेला—2024 का अवलोकन करते हुए कहा कि सरस मेलों का ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में अहम योगदान है। इन मेलों में देश की ग्रामीण महिलाएं अपने हाथों से निर्मित शोपीस आइटम बेचती है।

मेले में डॉ. किरोडी लाल ने सरस मेले की सभी स्टालों का अवलोकन किया एवं विभिन्न राज्यों से आए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से संवाद किया और उनके उत्पादों की सराहना की। मेले में 250 से अधिक जीआई टैग उत्पादों की करीब 400 स्टॉल लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सरस मेले राजीविका दीदियों द्वारा निर्मित शिल्पकला, एंब्रॉयडरी, जैविक उत्पाद, घर का साज–सामान एवं खाने पीने से संबंधित उत्पादों को एक स्थान पर खरीदारी करने का अवसर प्रदान करता है। ये मेले पारंपरिक भारतीय कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि  मेले में विभाग द्वारा पैकेजिंग, ब्रांडिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग और वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों पर कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है जिससे की राजीविका महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा उत्पाद बेचने के अवसर उपलब्ध हो सके।
सरस मेले में रविवार को नेशनल क्रेडिट कोर के 70 कैडेटों ने भी अवलोकन किया और खरीददारी कर मेले का लुफ्त उठाया। इसके साथ ही अजमेर एवं अलवर जिले से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा भी मेले का भ्रमण किया गया एवं भविष्य में मेले में अपने उत्पादों के साथ सहभागिता निभाने की मनसा जाहिर की गई। यह मेला ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का एक अहम प्रयास है, जिसमें स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के हस्त निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया जाता है। मेले में देशभर के 250 से अधिक भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग वाले उत्पादों और पारंपरिक शिल्प का शानदार संग्रह देखने को मिल रहा है। सरस राज्य सखी राष्ट्रीय मेला एक अद्वितीय मंच है, जहां विभिन्न राज्यों की महिला सदस्य अपने पारंपरिक हस्तशिल्प, हैंडलूम, खाद्य उत्पाद और उन्नत तकनीकी उत्पादों का प्रदर्शन कर रही है। इस आयोजन में क्षेत्रवाद मंडप स्थापित किए गए हैं, जिनमें प्रत्येक राज्य की विशिष्ट सांस्कृतिक कलाकृतियां और पारंपरिक उत्पाद प्रदर्शित हो रहे हैं। यहां पर लगभग 300 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों का विक्रय कर रही है। यह मेला देश की सांस्कृतिक विविधता, पारंपरिक स्वादों और हस्तशिल्प के अनूठे संगम को दर्शाता है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button
08:20