एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश का बड़ा हादसा, पूर्व CM विजय रुपाणी का हादसे में निधन

इंदौर
अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश का बड़ा हादसा हुआ है। इसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे, जिनका इस हादसे में मौत निधन हो गया है। विमान के गिरते ही पूरा इलाका धुएं के गुबार ढक गया था। इसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 242 पैसेंजर सवार थे, जिसमें 56 ब्रिटिश और 6 पुर्तगाल नागरिक भी थे। विजय रूपाणी लंदन अपनी बेटी व पत्नी से मिलने के लिए जा रहे थे। विजय रूपाणी का नाम गुजरात भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं में आता है। वह भाजपा के उन खांटी नेताओं में गिने जाते हैं, जो शुरू से पार्टी से जुड़े रहे। इसका इनाम भी उनको मिला। उन्होंने 2014 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था। 2016 में आनंदीबेन पटेल को हटाकर उनको राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
 
म्यांमार हुआ था जन्म
2 अगस्त 1956 को विजय रूपाणी का जन्म म्यांमार की राजधानी रंगून में हुआ था। उनके पिता वहां बिजनेस किया करते थे, लेकिन उनके जन्म के ठीक 4 साल बाद वह राजकोट लौट आए थे। उन्होंने राजकोट में ही शिक्षा प्राप्त की थी।

युवा दौर में ही राष्ट्रवादी विचारों से थे प्रेरित
विजय रूपाणी का छात्र जीवन से राष्ट्रवादी विचारों की तरफ झुकाव था। ऐसे में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत की। 1971 में जनसंघ से जुड़कर राजनीतिक मैदान में उतरे। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना होने पर उसकी सदस्यता ले ली। ऐसे में वह पार्टी से उसके स्थापना काल से जुड़े थे।

इमरजेंसी में इंदिरा गांधी को ललकारा
विजय रूपाणी इमरजेंसी के दौर में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ मुखर रहे। उनको 1976 में पुलिस ने पकड़ लिया था। 11 महीने उन्होंने भावनगर और भुज की जेल में बिताए। 1987 में उन्होंने चुनावी राजनीति में प्रवेश किया। राजकोट नगर निगम का चुनाव लड़ा। 1996 से 1997 तक वह राजकोट के मेयर पद पर रहे। उसके बाद उनको संगठन में तरजीह दी गई। वह 1998 में भाजपा गुजरात इकाई के महासचिव रहे। 2006 में उनको गुजरात पर्यटन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2006 में उनको पार्टी ने राज्यसभा भेजा।
 
2014 में लड़ा पहला विधानसभा चुनाव, 2016 में बन गए सीएम
वाजुभाई वाला को केंद्रीय नेतृत्व ने राज्यपाल बना दिया था। उनको अपनी सीट से इस्तीफा देना पड़ा। उस सीट पर चुनाव लड़ने का विजय रूपाणी को मौका मिला। वह पहली बार विधानसभा पहुंचे। नवंबर 2014 में आनंदीबेन पटेल की सरकार ने पहला मंत्रीमंडल विस्तार किया, तो उनको परिवहन, जल आपूर्ति, श्रम और रोजगार मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया। पार्टी ने उनको संगठन की भी जिम्मेदारी सौंपी। वह फरवरी 2016 से लेकर अगस्त 2016 तक बीजेपी के स्टेट प्रेसिडेंट बने। उसके बाद 5 अगस्त 2016 को आनंदीबेन पटेल की जगह उनको गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया।

India Edge News Desk

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