केदारनाथ में घोड़े-खच्चर की मौत के बाद पशुपालन मंत्री हुए सख्त
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
देहरादून : केदारनाथ में घोड़े खच्चर की मौत के बाद पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा का रवैया सख्त दिखाई दिया। पशु क्रूरता अधिनियम वर्तमान समय के अनुरूप संशोधित किए जाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे। वहीं इसके लिए पशुपालन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए। देहरादून के विधानसभा में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश की भांति एवं अन्य पड़ोसी राज्यों के अनुरूप, विभिन्न विभागों स्तर से अपेक्षित कार्रवाई के क्रम में निराश्रित गौवंश के प्रबंधन हेतु समावेशी नीति का प्रस्ताव तैयार करें तथा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऊधमसिंह नगर में पशुपालन विभाग को आवंटित सरकारी भूमि पर गौसदनों का निर्माण कर पीपीपी मोड में गैर सरकारी पशुकल्याण संस्थाओं/धर्मार्थ संस्थाओं के माध्यम से संचालित किए जाने का प्रस्ताव तैयार करें।
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक में केन्द्रीय अधिनियम-पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत दण्ड प्राविधानों के अति न्यून होने की स्थिति का संज्ञान लेते हुए निर्देशित किया कि दण्ड प्राविधानों को वर्तमान समय के अनुरूप संशोधित किए जाने हेतु पुनः भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करें। बैठक में प्रदेश के 35 गौसदनों में शरणागत 9286 गौवंश हेतु 83.33 लाख रुपए का भरण पोषण अनुदान आवंटित किए जाने का निर्णय लिया गया। मंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों का लगभग 75 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। 50 करोड़ रुपए की एक और किश्त की मांग राज्य सरकार से की गई है।
वर्तमान में गन्ना किसानों का 134 करोड़ का भुगतान अवशेष रह गया है, अवशेष भुगतान किए जाने की योजना बनाई जा रही है। मंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं की बेहतरी के लिए कौशल विकास के नए प्रस्तावों बनाए जाने के संबंध में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से चर्चा की जायेगी ताकि प्रदेश के विकास के लिए बेहतर प्रोजेक्ट लाए जा सके। मंत्री ने दुग्ध विकास विभाग के संबंध में कहा कि दुग्ध की प्रोत्साहन राशि जो 4 रुपए से 5 रुपए करने तथा पर्वतीय क्षेत्रों में 1 रुपए और मैदानी क्षेत्रों में 0.50 रुपए इन्सेनटिव दिए जाने का शासनादेश निर्गत किया जाए। मंत्री ने कहा कि केदारनाथ यात्रा हेतु घोड़े, खच्चर प्रमुख माध्यम है। उन्होंने बताया कि पशु क्रूरता के संबंध 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। वर्तमान में 6800 घोड़ों की जांच की गई है। 97 बीमार घोड़ों को यात्रा हेतु प्रतिबंधित किया गया है। पशु क्रूरता रोकने हेतु समिति गठित की गई है।
(जी.एन.एस)